ओमिक्रोन वैरिएंट और घातक
स्वतंत्रदेश,लखनऊ: कोरोना वायरस का ओमिक्रोन वैरिएंट सबसे घातक है। दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना वायरस के नए वैरिएंट की जीन सीक्वेंसिंग में 50 म्यूटेशन पाए गए हैं। इसमें वायरस के स्पाइक प्रोटीन में 32 म्यूटेशन मिले, उसमें से 10 म्यूटेशन सिर्फ स्पाइक प्रोटीन के रिसेप्टर बाइंडिंग में पाए गए हैं। भारत में अब तक सक्रिय डेल्टा वायरस में सिर्फ दो म्यूटेशन मिले थे, जिससे वह घातक हो गया था। उस पर कोरोना वैक्सीन 50 फीसद ही प्रभावी थी, जबकि ओमिक्रोन को लेकर वैक्सीन के प्रभाव पर विशेषज्ञ अपनी राय देने को जल्दबाजी कह रहे हैं। देश-दुनिया के विशेषज्ञ मंथन पर जुटे हैं। अमेरिकन एसोसिएशन आफ माइक्रोबायोलाजी की आनलाइन प्लेटफार्म पर हुई बैठक में जीएसवीएम मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलाजी विभाग के प्रोफेसर डा. विकास मिश्रा भी शामिल रहे।
पहला केस रिपोर्ट होने के महज 21 दिन में दक्षिण अफ्रीका में पहले से सक्रिय कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट के संक्रमितों से ऊपर ओमिक्रोन वैरिएंट के संक्रमितों की संख्या निकल गई, जिससे साफ है कि यह वायरस तेजी से संक्रमण फैला रहा है। डा. मिश्रा का कहना है कि नए वैरिएंट को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे वैरिएंट आफ कंसर्न की कैटेगरी में रखा है।
कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन को लेकर ही कोरेाना की वैक्सीन तैयार की गई है। ऐसे में स्पाइक प्रोटीन में अत्यधिक म्यूटेशन ने विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा दी है। डा. मिश्रा का कहना है कि भारत में दूसरी लहर का जिम्मेदार कोरोना के डेल्टा वैरिएंट की स्पाइक प्रोटीन में सिर्फ दो म्यूटेशन हुए थे, जिस वजह से 50 फीसद ही वैक्सीन प्रभावी थी।
कोविड संक्रमितों में हल्के लक्षण : डा. मिश्रा के मुताबिक, ओमिक्रोन के 44 केस पर अध्ययन में पाया गया कि जिन्हें पहले कोरोना का संक्रमण हो चुका था, उनमें हल्के लक्षण पाए गए हैं। अधिकतर के गले में संक्रमण और खांसी की समस्या पाई गई। सिर्फ पांच फीसद में ही बुखार की शिकायत मिली है। इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है। अपने देश में इस वायरस के आने के बाद तमाम कारण पर उसकी आक्रामकता निर्भर करेगी।