उत्तर प्रदेशराज्य

क्रिटिकल केयर मेडिसिन में बढ़ेंगे 12 बेड

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्व‍िज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआइ) के शासी निकाय की बैठक शासन स्तर पर शुक्रवार को हुई, जिसमें रेडियोलाजी विभाग में सीटी स्कैन व एमआरआइ को पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) के तहत करने का फैसला लिया गया। इसके अलावा पल्मोनरी मेडिसिन, क्लीनिकल इम्यूनोलाजी, नेफ्रोलाजी में डीएम की सीटें बढ़ाने पर फैसला लिया गया। साथ ही इंडो सर्जरी में रेजीडेंट के पदों की संख्या बढ़ाई गई। क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग में 12 बेड बढ़ाने का फैसला भी लिया गया है। अभी 21 बेड हैं, जिसे 33 करने के प्रस्ताव पर मुहर लग गई है।

पीजीआइ के पल्मोनरी मेडिसिन क्लीनिकल इम्यूनोलाजी नेफ्रोलाजी में डीएम की सीटें बढ़ाने पर फैसला लिया गया है।

 

शासी निकाय की बैठक मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में हुई, जिसमें प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार, संस्थान के निदेशक प्रो. आरके धीमन के अलावा अन्य सदस्य शामिल हुए। वित्तीय वर्ष 2021-22 का संशोधित बजट इस्टीमेट को भी मान लिया गया है। नेफ्रोलाजी डिपार्टमेन्ट में डीएम नेफ्रोलाजी की छह सीटों को बढ़ाकर नौ करने का प्रस्ताव भी रखा गया।

इसी प्रकार डिपार्टमेन्ट आफ क्लीनिकल इम्यूनोलाजी में डीएम की चार सीटों को बढ़ाकर छह करने तथा एक सीट पीडीसीसी पीडियाटिक में वृद्धि का प्रस्ताव किया गया। पल्मोनरी मेडिसिन डिपार्टमेन्ट में सीनियर रेजिडेन्ट के पदों को 14 से बढ़ाकर 20 करने का प्रस्ताव किया गया। डिपार्टमेन्ट आफ इन्डोक्राइन सर्जरी में तीन अतिरिक्त सीनियर रेजीडेन्ट के पद, डिपार्टमेन्ट आफ क्रिटिकल केयर मेडिसिन में सीनियर रेजीडेन्ट के पदों में वृद्धि के प्रस्ताव पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया।

वित्तीय वर्ष 2021-22 में कैपिटल हेड के अंतर्गत 111.01 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं, जिसमें से 70 करोड़ निर्माण कार्यो के लिए पल्मोनरी मेडिसिन डिपार्टमेन्ट में सीनियर रेजिडेन्ट के पदों को 14 से बढ़ाकर 20 करने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया। कालेज आफ मेडिकल टेक्नोलाजी में ट्यूटर के चार पद सृजित करने का भी निर्णय लिया गया।

एडवांस डायबटिक सेंटर का काम जल्द होगा शुरू : संस्थान में डायबिटीज मरीजों के इलाज के लिए सेंटर का निर्माण जल्दी शुरू हो जाएगा। इसके लिए बजट की व्यवस्था हो गई है। संस्थान प्रशासन ने बताया कि डायबिटीज के कारण किडनी, डायबिटिक फुट, आंख व नर्व की परेशानी होती है। कई तरह की परेशानी के इलाज के लिए विशेष सेंटर स्थापित करने की कार्ययोजना तीन साल पहले शासन को भेजी गई थी, जिसे मंजूरी मिलने के बाद कार्य शुरू होने जा रहा है। माना जा रहा है कि इस साल के अंत तक यह सेंटर काम करना शुरू कर देगा।

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