उत्तर प्रदेशराज्य

GPF के नाम पर करोड़ों के गबन में पांच ग‍िरफ्तार

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:कूटरचित सरकारी कर्मचारी की आइडी बनाकर जीपीएफ के नाम पर करोड़ों रुपये के गबन के मामले का राजफाश पुलिस ने किया है। इस षड्यंत्र में शामिल पांच आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। 26 लाख 75 हजार रुपये नकद व चार बैंक खातों से एक करोड़ 32 लाख रुपये बरामद किए गए हैं। इस जालसाजी का मुख्य आरोपित गोरखपुर चकबंदी विभाग में अकाउंटेंट व दूसरा बस्ती जिला के हर्रेया तहसील में लेखपाल के पद पर तैनात है। इससे जुड़े 45 बैंक खातों को पुलिस ने चिन्हित किया है।

भारतीय स्टेट बैंक के कुछ खाताधारकों के खातों में संदिग्ध तौर पर धनराशि स्थानांतरित हो रही थी।

पुलिस लाइंस सभागार में पत्रकारों से मुखातिब आइजी देवीपाटन परिक्षेत्र डॉ. राकेश सिंह व पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पांडेय ने बताया कि नवाबगंज स्थित भारतीय स्टेट बैंक के कुछ खाताधारकों के खातों में संदिग्ध तौर पर धनराशि स्थानांतरित हो रही थी। इसमें क्षेत्र के ग्राहक सेवा केंद्र के संचालक की भी संलिप्तता सामने आई है।

आइजी ने बताया कि अकाउंटेंट अरुण वर्मा अपने साथी कर्मचारी पुनीत श्रीवास्तव के साथ मिलकर काल्पनिक नाम से फर्जी सरकारी कर्मचारियों की आइडी बनाता था और फर्जी जीपीएफ बिल कोषागार भेज देता था। वहां से करोड़ों रुपये जीपीएफ के नाम पर निकल जाते थे। इस तरह करोड़ों रुपये गोंडा, गोरखपुर व देवरिया के कई खातों में साथियों के साथ मिलकर भेजता था। जिसके खाते में रुपये भेजता था उसको कुछ कमीशन देकर शेष धनराशि ले लेता था।

इस घोटाले में संलिप्त अरुण वर्मा, राजेश पाठक के अलावा ग्राहक सेवा केंद्र संचालक वजीरगंज गेड़सर मुरावनपुरवा निवासी नानमून मौर्य, एजेंट एसबीआइ लाइफ इंश्योरेंस कोतवाली नगर के इमिलिया गुरुदयाल निवासी अरुण श्रीवास्तव व ग्राहक सेवा केंद्र संचालक तरबगंज थाना के पूरेपरसदा पोखरा निवासी प्रदीप दुबे को गिरफ्तार कर लिया गया है। आइजी ने बताया कि एक करोड़ 58 लाख रुपये 75 हजार रुपये की बरामदगी के साथ एक डेस्कटॉप, दो लैपटॉप, चार मोबाइल फोन, एक टैबलेट व चकबंदी विभाग के 28 कर्मचारियों की फर्जी आइडी बरामद किए गए हैं। एसपी ने बताया कि जांच चल रही है। अभी कई और चौंकाने वाले तथ्य व आरोपित सामने आ सकते हैं।

आराेपितों की संपत्ति

गिरफ्तार अरुण वर्मा का करीब ढाई करोड़ रुपये का एक मकान गोरखपुर में, दो करोड़ की जमीन, एक ज्वैलरी शॉप व 50 लाख की अन्य संपत्ति चिन्हित की गई है। इसी तरह राजेश पाठक का करीब तीन करोड़ रुपये का एक हास्टल अयोध्या में, 50 लाख का एक मकान सहित करीब 50 लाख रुपये की अन्य संपत्ति चिन्हित की गई है। नवाबगंज के 45 खाताधारक भी चिन्हित किए गए हैं। इनके खातों में करोड़ों रुपये भेजे गए हैं।

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