उत्तर प्रदेशराज्य

एसपी समेत सभी अफसर गोद लें एक-एक टीबी ग्रस्त बच्चा

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :पूरे भारत में टीबी अभियान चल रहा। हमारे पीएम चाहते हैं कि देश टीबी मुक्त बने। हमारे पास भावना और दूसरों की सेवा करने का जज्बा है। हम वसुधैव कुटुम्बकम की भावना से चलते हैं। 2025 तक देश को टीबी मुक्त करना है। जब तक एक-एक टीबी ग्रस्त बच्चों को गोद नहीं लेंगे तब तक यह लक्ष्य पूरा नहीं होगा। कई एनजीओ इसके लिए आगे आए हैं। मैं जब गुजरात में थी तो भी हम लोग यह सब कार्य करते थे। मध्यप्रदेश में भी 25 बच्चों को गोद लेकर इसका आरम्भ कराया। फिर पूरे एमपी में एक साल में सात आठ हजार बच्चों को गोद लिया। छह-सात माह में 95 फीसद बच्चे टीबी मुक्त हो गए। अब यूपी में शुरुआत की है। यह बातें किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में रेस्पिरेटरी मेडिसिन के सिल्वर जुबली समारोह में पहुंची राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कही।

केजीएमयू में रेस्पिरेटरी मेडिसिन के सिल्वर जुबली समारोह में पहुंची राज्यपाल आनंदी बेन पटेल। कहा- हमारे पीएम चाहते हैं कि देश टीबी मुक्त बने।

गुड़ और चना टीबी के खिलाफ रामबाण: राज्यपाल ने कहा कि सरकार 500 रुपये दे रही, लेकिन घर में दूसरे बच्चे भी होते हैं। उनके लिए भी कुछ लाना है, ऐसे में टीबी ग्रस्त बच्चे के हिस्से में क्या आया?  इसलिए खुद भी कुछ करें। उन्‍होंने कहा कि चार से छह माह में बच्चे गुड़ चना खाएं तो वह टीबी मुक्त हो सकते हैं। बच्चों को उनकी दवा, खाना भी समय से दें। स्कूल में भी ऐसे बच्चों को सुरक्षा के साथ भेजें। सभी यूनिवर्सिटी को भी यह काम दिया गया है कि 50-50 बच्चों को गोद लेना है। जब वो टीबी मुक्त हो जाएं तो फिर 50 लेना है। इन बच्चों को किसी पर बोझ नहीं बनने देना है।

एक कॉलेज एक गांव ले गोद तो बच्चें होंगे टीबी मुक्त: यूपी में 50 निजी व 30 सरकारी यूनिवर्सिटी हैं। एक-एक यूनिवर्सिटी के पास 500-500 कालेज है। कुल 30 से 40 हज़ार कालेज हैं। एक कॉलेज यदि एक गांव गोद ले लें तो सभी बच्चों को टीबी मुक्त होंगे। गर्भवतियों का अस्पताल में ही प्रसव हो, सभी बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करें। टेक्निकल कॉलेज आंगनबाड़ी गोद ले रहे हैं। मैं यूपी आई तो दो मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति का कार्यकाल पूरा होने को था। प्रतिस्पर्धा थी, चुनौतियां थीं। मुझे आंतरिक प्रतिरोध पता था, मैंने चयन का तरीका बदला। यूनिवर्सिटी को श्रेष्ठतम बनाने के लक्ष्य से काम करें।

Related Articles

Back to top button