तड़प-तड़प कर मौत,संचालक पर मुकदमा दर्ज
स्वतंत्रदेश,लखनऊ : राजधानी के कोल्ड स्टोरेज में बीते दिन (6 मार्च) हुए अमोनिया गैस रिसाव मामले में मालिक संतोष पांडेय की बड़ी लापरवाही सामने आई है। उनके खिलाफ गैर इरादतन हत्या समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। इंस्पेक्टर इटौंजा जितेंद्र प्रताप सिंह ने दारोगा कल्लू राम की तहरीर पर कार्रवाई की गई है। बता दें, हादसे में दो मजदूरों की मौत हो गई थी, जबकि कई लोग घायल हुए थे।
विस्फोट के साथ फैली अमोनिया गैस, तड़प-तड़प कर निकली जान: घटना इटौंजा क्षेत्र के गोराही माल रोड स्थित बिंदेश्वरी कोल्ड स्टोरेज की है। दरअसल, पुलिस और एफएसओ (फायर स्टेशन अफसर) बीकेटी शेषनाथ यादव की पड़ताल में चौकाने वाले तथ्य सामने आए। कोल्ड स्टोरेज संचालक संतोष पांडेय मानकों के विरुद्ध मजदूरों को बिना अमोनिया सूट और मास्क के काम करा रहे थे, जबकि जानलेवा अमोनिया गैस से जिन फैक्ट्री अथवा स्टोरेज में काम होता है, वहां बिना अमोनिया सूट और मास्क के प्रवेश वर्जित रहता है। जब अमोनिया गैस का रिसाव हुआ तो मजदूर सादे कपड़े व कुछ कच्छा-बनियान में काम कर रहे थे। रिसाव और विस्फोट के दौरान जैसे ही परिसर में अमोनिया गैस फैली और मजदूरों के शरीर में घुसी तो उन्हें सांस लेने में दिक्कत हुई। उनकी सांस नली अवरुद्ध हो गई, जिससे सीतापुर के सिधौली नंदवन निवासी मजदूर मिश्री लाल और धर्मेंद्र की तड़प-तड़प कर मौत हो गई, जबकि चार से पांच लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। कोल्ड स्टोरेज में लगे अमोनिया गैस पाइप लाइन और कोल्ड स्टोरेज के मेंटेनेंस की मियाद भी खत्म हो गई थी।
अब फैक्ट्रियों का होगा निरीक्षण : घटना की जानकारी पर विधायक बीकेटी अविनाश त्रिवेदी, एसडीएम नवीन चंद्र और सीओ ह्रदेश कठेरिया ने घटनास्थल का निरीक्षण किया था। उधर, ट्रामा सेंटर में भर्ती घायल मजदूर विनोद निवासी बाराबंकी, परमानंद निवासी नंदवन सिधौली की हालात नाजुक बताई जा रही है। इंस्पेक्टर इटौंजा ने बताया कि जल्द ही आरोपित कोल्ड स्टोरेज संचालक को गिरफ्तार की जाएगा। सीएफओ विजय कुमार सिंह ने बताया कि सभी फायर स्टेशन अफसरों को अपने क्षेत्र में फैक्ट्रियों का निरीक्षण करने एवं व्यवस्थाएं न होने पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
सुरक्षा के मद्देनजर होने चाहिए एससीबीए सेट : एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) 11वीं वाहिनी के डिप्टी कमांडेंट नीरज कुमार एवं सेवानिवृत्त चीफ फायर अफसर अभय भान पांडेय ने बताया कि अमोनिया जानलेवा गैस है। जिन फैक्ट्री, स्टोरेज और इंडस्ट्रीज में अमोनिया गैस का काम होता है, वहां पर एससीबीए (सेल्फ कंटेंट ब्रीदिंग ऑपरेटस) सेट होने चाहिए। अगर फैक्ट्री में एकाएक अमोनिया का रिसाव हो गया हो तो मजदूर यह सेट पहनकर अंदर जाकर फंसे हुए लोगों को निकाल सकते हैं। इस सूट में ऑक्सीजन के लिए एक सेट भी लगा होता है, जिससे ऑपरेशन के दौरान कर्मियों को पर्याप्त ऑक्सीजन भी मिलती रहती है। बिना इस सूट के लीकेज एरिया में नहीं जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि बिना अमोनिया गैस पाइप में छेड़छाड़ के ब्लास्ट नहीं हो सकता है। अगर लीकेज के दौरान किसी ने छेड़छाड़ की तभी ब्लास्ट होता है। अमोनिया गैस का इस्तेमाल कोल्ड स्टोरेज, आइस्क्रीम फैक्ट्री में कूलिंग के लिए किया जाता है। अगर रिसाव के दौरान तापमान या किसी चिंगारी के संपर्क में गैस आ गई तो आग भी लग जाती है।
बरतें यह सावधानी
- अगर अमोनिया लीकेज हो तो सबसे पहले संबंधित फैक्ट्री के मालिक और टेक्निकल टीम को सावधानी पूर्वक गैस को वापस टैंक में स्टोर कर लेना चाहिए।
- पाइप लाइन अथवा मेंटीनेंस के समय भी पूरी गैस पहले स्टोर कर लें उसके बाद काम करें।
- अमोनिया प्रभावित क्षेत्र में बिना सूट और मास्क के न जाएं।
- अगर एकाएक लीकेज हो और आपके पास कुछ न हो तो तत्काल मुंह पर कपड़ा ढक लें।
- अमोनिया के संपर्क में जो व्यक्ति आया तो पहले उस पर पानी का फव्वारा मारें।