मौनी अमावस्या पर उमड़ा आस्था का सैलाब
स्वतंत्रदेश,लखनऊ : मौनी अमवस्या के मौके पर अयोध्या के सरयू में जनसैलाब उमड़ा। लाखों की संख्या में श्रद्धालु ने सरयू में स्नान किया। वहीं आसपास के जिलों के भी श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे। सभी श्रद्धालुओं ने सरयू में स्नान किया। कोरोना काल के बाद बड़ी संख्या में पहली बार सरयू के तट पर इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। मौनी अमावस्या की बेला में सरयू जैसी पवित्र नदी में स्नान का विशेष महत्व माना जाता है।
साधना की दृष्टि से बेहद फलदायी है अमावस्या
मौनी अमवस्या के साथ बन रहा षड्ग्रही योग, गुरुवार को मध्यरात्रि 1:10 बजे से शुरू हो रही मौनी अमावस्या की तिथि सभी बाधाएं दूर करेगी। शर्त यह है कि इस तिथि के योग में मन को एकाग्र कर ईश्वर का स्मरण करें, गरीबों-जरूरतमंदों को जरूरत की वस्तुएं दान करें और अधिकाधिक मौन रहें। यह सुझाव है, ज्योतिष गुरु एवं लवकुशनगर स्थित मां कारुण्यमयी कल्याणी मंदिर के प्रमुख आचार्य कृष्णकुमार तिवारी का। वे मौनी अमावस्या के दिन बन रहे महोदय योग की ओर भी ध्यान दिलाते हैं। यह बताकर कि इस दिन सूर्य के साथ बुध, शुक्र, शनि, गुरु एवं चंद्रमा मकर राशि में रहेंगे। उनके अनुसार सामान्य तौर पर सूर्य के साथ कोई भी ग्रह हो, वह अस्त हो जाता है।
षड्ग्रही योग सामान्य तौर पर अशुभ माना जाता है, पर मौनी अमावस्या का योग पाकर यह ग्रह अस्तित्व को मोक्षगामी बनाएगा। थोड़ी भी दृढ़ता बरतें तो मौनी अमावस्या के दिन की साधना समाधि का गौरव उपलब्ध कराने वाली होगी और साधक को साधना के दिव्य-दैवी आयाम की झलक मिलेगी। इस दिशा में यदि ईमानदारी से सक्रिय हो सके, तो इष्ट का सामीप्य मिलने के साथ जीवन भवबाधा से मुक्त होगा।
सरयू स्नान का विशेष महत्व
मौनी अमावस्या की बेला में सरयू जैसी पवित्र नदी में स्नान का विशेष महत्व बताया गया है। हर वर्ष की तरह इस बार भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पुण्यसलिला में डुबकी लगाएंगे। श्रद्धालुओं के आगमन की संभावना को ध्यान में रख कर सरयू तट के पुरोहितों सहित प्रशासन ने भी समुचित तैयारी कर रखी है।