अपनी क्रिप्टो करेंसी बनाने की दिशा में काम कर रहा भारत
अभी तक किसी भी प्रकार का डाटा हम गूगल जैसे बड़ी कंपनी के डाटा सेंटर में रखते हैं, इसमें वह चाहें फाइल हो, फोटो हो व वीडियो। सभी प्रकार का डाटा रखने के लिए हमारी निर्भरता उनपर रहती है लेकिन अब ब्लाॅक चेन में गोपनीयता के साथ अपना डाटा आसानी से सुरक्षित रख सकते हैं। इसका सबसे बड़ा लाभ आॅनलाइन वित्तीय लेन देन में होगा। यह बैंकिंग आदान प्रदान सुरक्षित व सरल बनाने के साथ उसे सेवा शुल्क से मुक्त भी रखेगा।
ब्लॉक चेन पारदर्शी तकनीक
छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाॅजी में ब्लाॅक चेन विषय पर फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम ‘एफडीपी’ के दौरान अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ‘एआइसीटीई’ के क्षेत्रीय अधिकारी डाॅ. मनोज तिवारी ने ने बताया कि ब्लाॅक चेन एक पारदर्शी तकनीक है। इससे छेड़छाड़ करना संभव नहीं है इसलिए लेन देन को सुरक्षित बनाने में यह कवच का काम करेगी। इसमें क्रिप्टोग्राफी की मदद से लेन देन को सुरक्षित रखने में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
डिजिटल आदान-प्रदान की सेतु बनेगी क्रिप्टो करंसी
कार्यक्रम समन्वयक डाॅ. राशि अग्रवाल ने बताया कि ब्लाॅक चेन पर कई प्रोग्राम बनाए जा चुके हैं। यह एक प्रकार की डाटा चेन होती है जिसमें कई लोग जुड़े होते हैं और आपका डाटा केवल उनके पास पहुंचता है जहां आप भेजना चाहते हैं। भविष्य में इसका सबसे बड़ा लाभ पैसों के आदान प्रदान में होगा क्योंकि यह स्थांतरण बेहद गोपनीय होता है। ब्लाॅक चेन के साथ आदान प्रदान का एक बड़ा फायदा यह भी रहेगा कि इसके लिए कोई भी सेवा शुल्क नहीं देना होगा। भारत ने इस पर पहल करते हुए खुद की क्रिप्टो करेंसी बनाने की दिशा में काम तेज कर दिया है। डिजिटल आदान प्रदान के लिए यह सेतु का काम करेगी।
क्या है क्रिप्टो करेंसी
क्रिप्टो करेंसी एक ऐसी मुद्रा है जो कंप्यूटर एल्गोरिथ्म पर बनी होती है। रुपये, डाॅलर व यूरो जैसी भौतिक करेंसी को देखा व छुआ जा सकता है और यह नियमानुसार किसी भी देश व स्थान में इस्तेमाल की जा सकती है लेकिन क्रिप्टो एक डिजिटल करेंसी है। पिछले कुछ वर्षों में यह करेंसी काफी प्रचलित हुई है।