उत्तर प्रदेशराज्य

राजनीति की खातिर चंद्रावती हुईं मायावती

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती का आज यानी 15 जनवरी को 65वां जन्मदिन है। पार्टी प्रमुख के आह्वान पर बसपा इनका जन्मदिन जनकल्याणकारी दिवस के रूप में मना रही है।

बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमों कही जाने वाली मायावती का राजनीतिक सफर उतना आसान नहीं रहा है।

 

उत्तर प्रदेश की राजनीति में लम्बे समय से अपना परचम लहरा रहीं बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती को इस मुकाम तक पहुंचने के लिए बड़े पापड़ बेलने पड़े। बसपा सुप्रीमो मायावती का उत्तर प्रदेश की राजनीति में अच्छा खासा रसूख है। दिल्ली में एलएलबी की पढ़ाई करने के साथ सिविल सर्विसेज की तैयारी में जुटी एक साधारण सी लड़की चंद्रावती का रुझान राजनीति की तरफ ऐसा हुआ कि देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की चार बार मुख्यमंत्री बनीं। देश में दलित राजनीति के दिग्गज नेता कांशीराम से भेंट के बाद चंद्रावती के जीवन की दिशा ही बदल गई। यह साधारण सी लड़की चंद्रावती से उत्तर प्रदेश की राजनीति की दिग्गज हस्ती मायावती बनकर उभरीं। मायावती का असली नाम चंद्रावती था। इसी नाम से उनकी पढ़ाई-लिखाई हुई थी, लेकिन जब वे कांशीराम के संपर्क में आईं और सक्रिय राजनीति में भाग लेने लगीं तब कांशीराम ने उनका नाम मायावती रख दिया।

मायावती का जन्म 15 जनवरी, 1956 में दिल्ली में एक दलित परिवार के घर पर हुआ। पिता प्रभु दयाल जी भारतीय डाक-तार विभाग के वरिष्ठ लिपिक थे। उनकी माता रामरती अनपढ़ महिला थीं परन्तु उन्होंने अपने सभी बच्चों की शिक्षा में रुचि ली और सबको योग्य भी बनाया। बीए करने के बाद मायावती ने दिल्ली के कालिन्दी कॉलेज से एलएलबी किया। पढ़ाई के प्रति इनका इतना रुझान था कि सिविल सर्विसेज की परीक्षा की तैयारी के साथ इन्होंने बीएड भी किया। इसके बाद अपने करियर की शुरुआत दिल्ली के एक स्कूल में एक शिक्षिका के रूप में की। उन्होंने सिविल सॢवसेस की तैयारी भी की।

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