कोहरे से हारे सूर्य देव,शीतलहर अलर्ट जारी
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :यूपी में ठंड से लोग बेहाल हैं। कोहरे ने एक बार फिर सूर्यदेव को हरा दिया। सर्दी की चपेट में आकर फतेहपुर में 55 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई। मौसम विभाग ने यूपी के सात जिलों में शीतलहर का फिर से अलर्ट जारी किया है, वहीं, पूरे यूपी में ठंड का प्रकोप जारी रहेगा। बता दें, बीते बुधवार को दिन भर धूप नहीं चमक सकी। वहीं, पहाड़ों से आने वाली बर्फीली हवा ने आम जनमानस को घरों में दुबकने को मजबूर कर दिया।
मौसम विभाग ने तीन दिन पहले यूपी में शीतलहर का अलर्ट जारी किया था। इसमें सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली में 13 जनवरी तक शीतलहर की चेतावनी दी थी। उधर, बुधवार को दोबारा सात जनपदों के लिए अलर्ट जारी किया है। इसमें मुजफ्फरनगर, मेरठ, बरेली, शाहजहांपुर, हरदोई, कानपुर नगर, सोनभ्रद व उसके आसपास इलाकों में 15 जनवरी तक शीतलहर चेतावनी दी है।
लखनऊ में अधिकतम तापमान में 17.4 डिग्री, वहीं न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस रहा। गोरखपुर का अधिकतम तापमान सामान्य से 8.2 डिग्री लुढ़क गया। ऐसे ही बहराइच का अधिकतम पारा 5.8, मेरठ का 6.1, अलीगढ़ का 6.3, हरदोई का 5.1, सुलतानपुर का 4.9 सामान्य से नीचे खिसक गया। कानपुर में अधिकतम तापमान 17.0 और न्यूनतम 3.8 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ। कानपुर देहात व कन्नौज में न्यूनतम तापमान 3.8, इटावा में 4, उन्नाव व फतेहपुर, हमीरपुर व चित्रकूट में 5, फर्रुखाबाद व औरैया, बांदा व महोबा में 7, उरई में 6 डिग्री सेल्सियस रहा। प्रयागराज में न्यूनतम तापमान 6.2 डिग्री सेल्सियस जा पहुंचा। प्रतापगढ़ में न्यूनतम तापमान पांच डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ। संगमनगरी में न्यूनतम तापमान में मंगलवार के मुकाबले तीन डिग्री सेल्सियस की कमी आई। आगरा में न्यूनतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री सेल्सियस कम 4.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। कासगंज में अधिकतम तापमान 17 और न्यूनतम चार डिग्री सेल्सियस रहा। मैनपुरी में न्यूनतम तापमान छह और अधिकतम 21 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। पश्चिम उत्तर प्रदेश सर्द हवाओं के बीच ठिठुरता रहा।
प्रदेश में कुछ स्थानों पर पाला पड़ने से रबी की फसलों पर प्रतिकूल प्रभाव हो सकता है। कृषि विज्ञानियों के मुताबिक पाले का सबसे ज्यादा असर रबी की दलहनी फसलों के साथ आलू पर भी पड़ सकता है। गेहूं के लिए तापमान की कमी फायदेमंद साबित होगी जबकि तापमान की यही कमी मटर, चना और आलू की फसल के रोगग्रस्त होने का खतरा पैदा कर सकती है।