छह स्मार्ट मीटर की रिपोर्ट बताएगी कि उपभोक्ताओं के यहां लगे कि नहीं
स्वतंत्रदेश , लखनऊ :स्मार्ट मीटर की रिपोर्ट बताएगी कि उपभोक्ताओं के यहां मीटर लगाए जाए या नहीं। उपभोक्ता परिषद की सहमति के आधार पर मध्यांचल मुख्यालय में टेस्टिंग के लिए यह मीटर लगाए गए हैं। मीटर की नियमित रूप से मानीटरिंग की जा रही है। छह मीटर ही स्मार्ट मीटर का भविष्य मध्यांचल में तय करेंगे। इसके लिए अभियंताओं की टीम अपनी निष्पक्ष रिपोर्ट देगी और उसके बाद शाक्ति भवन से इस पर निर्णय होना है।
जन्माष्टमी के दिन लाखों बिजली उपभोक्ताओं के यहा स्मार्ट मीटर बंद हो गए थे। इससे बिजली विभाग में हड़कंप मच गया था और लाखों उपभोक्ता देर रात अंधेरे में रहे थे। कई कई खंडों में ऐसे भी उपभोक्ता थे जिनके स्मार्ट मीटर रि कनेक्ट ही तीन से चार दिन नहीं हुए। बिना बिजली के कई दिन गुजारने पड़े थे। इसके बाद ऊर्जा मंत्री पंडित श्रीकांत शर्मा ने संज्ञान लेते हुए स्मार्ट मीटर के लगाने पर रोक लगा दी थी। महीनों बीतने के बाद मध्यांचल द्वारा रिपोर्ट दिए जाने के बाद टेस्टिंग के मीटर लगाए गए हैं। इनकी रिपोर्ट सही आएगी और फिर विचार किया जाएगा कि इन्हें लगाए जाए या नहीं। कुल मिलाकर उपभोक्ताओं की परेशानी को बिजली विभाग नजरअंदाज नहीं करना चाहता। इसलिए इस बार स्मार्ट मीटर लगाने की तभी इजाजत दी जाएगी जब उपभाेक्ता पूरी तरह से संतुष्ट होंगे और शिकायतों का ग्राफ शून्य होगा। स्मार्ट मीटर से बिजली कटने के बाद जुड़ने में दिक्कत आ रही है और तेज चलने की शिकायत भी अधिकांश खंड में आ चुकी है।
कुछ मामलों में अच्छे तो कुछ में कमियां
स्मार्ट मीटर कुछ मामलों में अच्छे भी हैं, जैसे सोलर रूफ टॉप लगवाने पर उपभोक्ता का काम स्मार्ट मीटर से ही चल जाएगा। सिर्फ पीओएस नेट की फीडिंग होगी और मीटर कुछ घंटों में चालू, उसे अलग से कोई पैसा मीटर का जमा नहीं करना होगा। मीटर रीडिंग का सिस्टम अगर सही से काम करे तो समय से रीडिंग बिना आए संभव। स्वीकृत लोड से अधिक होने पर लाइट ट्रिप हो जाएगी।