उत्तर प्रदेशराज्य

प्रदेश में टेली रोबोटिक सर्जरी शुरू करने की तैयारी

उत्तर प्रदेश के सरकारी एवं कॉरपोरेट अस्पतालों में सर्जरी के लिए रोबोट की संख्या बढ़ाई जा रही है। इन सबके बीच टेली रोबोटिक सर्जरी की तैयारी भी तेज हो गई है। टेली रोबोटिक सर्जिकल यूनिट के जरिये दिल्ली-मुंबई जैसे शहरों से यूपी के अस्पताल में भर्ती मरीज की रोबोटिक सर्जरी की जा सकेगी। प्रदेश के कार्पोरेट अस्पतालों में इस दिशा में कदम बढ़ाया है।कुछ दिन पहले एसएसआई मंत्रा टेली सिंग मोबाइल यूनिट की शुरुआत की गई है। इस यूनिट ने दिल्ली, मुंबई, बंगलूरू और एनसीआर के अस्पतालों में काम शुरू कर दिया है। देशभर के करीब 70 अस्पतालों में इस तकनीक से तीन हजार से अधिक सर्जरी भी हो चुकी है। अब इसी तर्ज पर यूपी के कॉरपोरेट अस्पतालों में यह सुविधा शुरू करने की तैयारी है।एसजीपीजीआई के पूर्व निदेशक और प्रदेश में सरकारी क्षेत्र में पहला रोबोट स्थापित करने वाले डा. राकेश कपूर कहते हैं कि यह चिकित्सा क्षेत्र में नई क्रांति है। टेली सिंक मोबाइल यूनिट का सेटअप तैयार करना काफी खर्चीला है, लेकिन मरीज की स्थिति, एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने सहित सभी खर्च मिलाया जाए तो यह फायदेमंद साबित होगा। जैसे-जैसे सुविधा बढ़ेगी, कीमत भी कम होने लगेगी।

ऐसे काम करती है यूनिट

यह आधुनिक मोबाइल सर्जिकल यूनिट बस की तरह होती है। टेली सिंक मोबाइल यूनिट में एसएसआई मंत्रा सर्जिकल रोबोटिक सिस्टम, हाई-स्पीड टेलीकम्युनिकेशन एंड सेटेलाइट कनेक्टिविटी और आधुनिक सर्जिकल रोबोटिक्स शामिल होते हैं, जो रिमोट एंड ऑन-साइट सर्जिकल टीम के बीच रियल टाइम सहयोग देती है। इसके जरिये सर्जन कम समय में दूर से ही रोबोट की मदद से सर्जरी कर सकता है। जिस तरह से बस में सभी तरह के सिस्टम लगे होते हैं उसी तरह से अस्पताल में भी सिस्टम लगाया जाता है। दोनों सिस्टम को सेटेलाइट के जरिये जोड़ा जाता है।

प्रदेश में रोबोटिक सर्जरी की स्थिति

प्रदेश में सरकारी क्षेत्र में पहला रोबोट एसजीपीजीआई में 2019 में खरीदा गया था। अब केजीएमयू में भी आ गया है। जबकि लोहिया और कैंसर संस्थान सहित अन्य संस्थानों में रोबोट खरीदने की तैयारी है। तीन कॉरपोरेट अस्पतालों में रोबोट के जरिये सर्जरी हो रही है। प्रदेश में हर माह करीब 80 से 100 मरीजों की रोबोटिक सर्जरी हो रही है।

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