बटेश्वर के घाट और टूटे मंदिरों तक पहुंचा यमुना का उफान
स्वतंत्रदेश , लखनऊ:आगरा में यमुना नदी के उफान से बटेश्वर की शिव मंदिर शृंखला पर बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। 1978, 1995, 2010 में आई बाढ़ में बटेश्वर में बने कई मंदिर और घाट यमुना की गोद में समा गए या क्षतिग्रस्त हो गए। 101 शिव मंदिरों में से सिर्फ 44 मंदिर बचे हैं। उफान लेती यमुना का पानी सोमवार को टूटे हुए घाटों एवं क्षतिग्रस्त मंदिरों के अवशेषों से होकर बहने लगा है। निचले इलाके के बिहारी जी मंदिर के घाट की सभी सीढ़ियां डूब गई हैं। बटेश्वर के अलावा कचौराघाट के शिव मंदिर की दहलीज पर एक सीढ़ी बची थी, सोमवार को वह भी डूब गई। बाह के एसडीएम कृष्णनंद तिवारी ने मंदिर और यमुना के आसपास न जाने की हिदायत दी।
बाह में यमुना के जलस्तर के मापन का एकमात्र निशान बटेश्वर में है। सोमवार को यह निशान यमुना के उफान में डूब गया। यहां पर 80 फीट तक का निशान बना था। बटेश्वर के नरेंद्र चन्द्रवंशी ने बताया कि 2010 में भी यह निशान डूब गया था।