अंत्योदय है हमारा लक्ष्य
स्वतंत्रदेश,लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कैबिनेट की पहली बैठक के बाद प्रोटेम स्पीकर के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के बाद शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। योजना भवन में आयोजित इस बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सभी अफसरों को सरकार की वरीयता से अवगत कराने के साथ ही सभी से अपनी-अपनी भूमिका भी तय करने का निर्देश भी दिया। उन्होंने सभी से स्पष्ट कह दिया कि कार्य में तेजी तथा पारदर्शिता लाएं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ ग्रहण करने के अगले ही दिन अधिकारियों को जनता के प्रति जवाबदेह होने का निर्देश दिया है। शनिवार को शासन स्तर के उच्चाधिकारियों के साथ बैठक कर मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को अगले सौ दिन, छह माह और वार्षिक कार्ययोजना तैयार करने को कहा है। यह कार्ययोजना मंत्रिपरिषद के सामने प्रस्तुत करनी होगी, इसकी विभागवार समय-सारणी जल्द ही घोषित होगी।
बना रहे सुशासन का राज
● यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी अधिकारी व कर्मचारी समय से कार्यालय में उपस्थित होकर कार्याें को प्रभावी ढंग से सम्पादित करें। कार्यालय की व्यवस्था ऐसी हो, जिससे आम जनता को सुविधा हो।
● कार्यहित में त्वरित निर्णय लें। पत्रावलियां लंबित नहीं रहनी चाहिये। पत्रावलियों का निस्तारण निर्धारित समय-सीमा में किया जाए। पत्रावलियों के निराकरण की स्थिति की वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा नियमित समीक्षा की जाए।
‘ई-ऑफिस’ को पूरी तरह लागू करने की कार्य योजना तैयार की जाए। सभी विभागों में सिटिजन चार्टर लागू किया जाए। विभागों के समस्त कार्याें का डिजिटलाइजेशन किया जाए।
● ग्राम सचिवालय की कार्यप्रणाली को और सुदृढ़ किया जाए। पंचायत सहायकों के तैनाती कार्य को पूर्ण किया जाए।
● प्रदेश सरकार ने महिला पुलिस कर्मियों की संख्या में अभूतपूर्व बढ़ोत्तरी की है। महिला पुलिस कर्मियों को फील्ड कार्याें से जोड़ा गया है। इस सन्दर्भ में महिला बीट अधिकारियों की तैनाती की गयी है, जो ग्राम स्तर पर समस्याओं के निस्तारण के साथ ही विभिन्न योजनाओं की जन जागरूकता का कार्य भी सम्पादित कर रही हैं।
राजस्व, पंचायतीराज और ग्राम्य विकास के ग्रामस्तरीय कर्मियों द्वारा ग्राम प्रधान के समन्वय से ग्राम चौपाल आयोजित की जाए। इसके माध्यम से ग्रामीण जनता की स्थानीय समस्याओं का समाधान कराया जाए।
● भारत सरकार से प्राप्त होने वाले पत्रों का उत्तर, पत्र प्राप्ति के एक सप्ताह में अनिवार्य रूप से प्रेषित कर दिया जाए।