उत्तर प्रदेशलखनऊ

कृषि भवन में लखनऊ मंडल के जुटे किसान

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :किसानों के बीच वैज्ञानिक सोच पैदा करने की आवश्यकता समय की मांग है। इस मांग को सार्थक रूप से क्रियान्वयन के लिए कृषि वैज्ञानिकों को किसानों के साथ समन्वय स्थापित करना होगा, तभी किसानों को अधिक लाभ होगा और सरकार की मंशा के सापेक्ष किसानों की आय दो गुनी होगी। कृषि भवन परिसर में मिशन तिलहन की शुरुआत के अवसर पर कृषि निदेशक एपी श्रीवास्तव बोल रहे थे। उन्होंने किसानों से तिलहन मिशन से जुड़ने और वैज्ञानिक खेती करने का आह्वान किया। इससे पहले उप कृष निदेशक डॉ.सीपी श्रीवास्तव ने मिशन के फायदों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। सेमिनार के दौरान कीटनाशक व कृषि उपकरणों की प्रदर्शनी भी लगाई गई। सेमिनार में जिला कृषि अधिकारी ओपी मिश्रा, जिला कृषि रक्षा अधिकारी धनंजय सिंह समेत कई जिलों से आए किसान शामिल हुए।

कृषि भवन परिसर में मिशन तिलहन की शुरुआत के अवसर पर कृषि निदेशक एपी श्रीवास्तव बोल रहे थे

पराली न जलाने से होगा फायदा

डॉ.सीपी श्रीवास्तव ने बताया कि कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार पराली न जलाने पर 20हजार रुपये प्रति एकड़ की बचत होती है जिसका फायदा सीधे किसानों को होता है। खाद की मात्रा कम होने के साथ ही मिट्टी के पाेषक तत्व कम नहीं होते हैं। किसान पराली जलाता है उसे नुकसान के साथ ही आर्थिक दंड का नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। न्यायालय के आदेश पर पराली जलाने पर 2500 रुपये से लेकर 15 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है। राजधानी में 187 गांवों में वाल पेंटिंग के माध्यम से किसानों को जागरूक किया जा रहा है। जिला कृषि अधिकारी ओपी मिश्रा और जिला कृषि रक्षा अधिकारी धनंजय सिंह की ओर से भी गोष्ठियों के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है। पराली से कृषि योग्य भूमि के ऊसर में तब्दील होने की संभावनाएं भी बढ़ रही हैं।

Related Articles

Back to top button