दुरुपयोग रोकने को कड़ा प्राविधान
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :यूपी सरकार के प्रतीक चिन्ह (लोगो) का दुरुपयोग करने पर दो साल तक की सजा या पांच हजार रुपये तक जुर्माना देना पड़ सकता है। यह दोनों सजा अलग-अलग या फिर एक साथ भी दी जा सकती हैं। कैबिनेट ने उप्र राज्य सप्रीतक नियमावली 2021 को मंजूरी दे दी है। इसके तहत संवैधानिक पदों व राज्य सरकार द्वारा अधिकृत व्यक्ति ही इसका प्रयोग कर सकेंगे। मंत्री-विधायक और राजपत्रित अधिकारी आदि इसका प्रयोग कर सकेंगे। सरकारी भवनों पर लोगो लगाया जा सकेगा।

प्राइवेट बिल्डिंग पर इसे नहीं लगाया जा सकेगा और न ही कोई व्यक्ति इसका प्रयोग किसी भी तरह का प्राइवेट विज्ञापन देने में कर सकेगा। दरसअल उप्र राज्य सप्रतीक (अनुचित प्रयोग का प्रतिषेध) अधिनियम 2019 की धारा 11 के तहत संप्रतीक चिन्ह को विनियमित किए जाने हेतु नियमावली बनाई जानी थी। आखिरकार सरकार ने तय कर दिया कि कौन इसका प्रयोग कर सकेगा और कौन नहीं। मालूम हो कि यूपी के लोगो में एक वृत्त के ऊपर धनुष और बीच में बहती गंगा-जमुना नदियां व नीचे दाएं-बाएं दो मछलियां हैं। इसे वर्ष 1938 में स्वीकृत किया गया था।



