एसजीपीजीआई में बेहतर होगा इलाज, लगाई जा रहीं दो मशीनें
स्वतंत्रदेश ,लखनऊसंजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान में कैंसर का इलाज अब और बेहतर हो सकेगा। मरीजों के लिए यहां दो नई मशीनें लगाई जा रही हैं। इनमें एक नई एडवांस लीनियर एक्सीलरेटर मशीन है, जिसकी लागत 25 करोड़ रुपये है। इसके अलावा नौ करोड़ रुपये से वाइड बोर्ड सीटी स्कैन मशीन लगाई जाएगी। इन मशीनों की मदद से कैंसर के मरीजों की रेडिएशन और उसकी प्लानिंग दोनों पर ही अब बेहतर काम हो सकेगा।संस्थान के डीन और रेडियोथेरेपी विभाग के अध्यक्ष डॉ. शालीन कुमार ने बताया कि कैंसर के इलाज में रेडिएशन अहम भूमिका अदा करता है। अभी तक इसकी प्लानिंग के लिए कोई मशीन नहीं थी। अब इन नई मशीनों से ऐसा करना संभव हो सकेगा।
अब सीटी स्कैन के माध्यम से मरीज की वर्चुअल इमेज तैयार हो जाती है। इसके बाद हम इस मशीन की मदद से यह प्लान करते हैं कि उसे रेडिएशन किस जगह से और कैसे देनी है। ऐसा करने से कैंसरग्रस्त हिस्से के अलावा अन्य स्थानों पर दुष्प्रभाव नहीं होता है। इस तकनीक को वर्चुअल सिमुलेशन कहा जाता है। इन मशीनों के लिए शासन की ओर से अनुदान दिया जा चुका है। अब इन मशीनों को लगाया जाएगा।
इसके साथ ही संस्थान में एक और लीनैक मशीन अगले महीने में लग जाएगी। इस समय पीजीआई में एक लीनैक मशीन है, जिससे मरीजों का काफी दबाव है। इन्हें काफी इंतजार करना पड़ता है। अब दो मशीनें हो जाने पर मरीजों की वेटिंग कम हो जाएगी। बताया कि संस्थान में पहले दो लीनैक मशीन थीं। इनमें से एक को पुरानी हो जाने से कबाड़ घोषित किया जा चुका है। इसके बाद वेटिंग और बढ़ गई है। लीनैक मशीन के माध्यम से भी मरीजों को रेडिएशन की डोज दी जाती है