एसटीएफ को झांसा देने के लिए तस्कर बोल रहे थे उड़िया
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :मेरठ एसटीएफ द्वारा प्रेमनगर से एक ट्रक गांजा के साथ पकड़े गए तस्करों ने एसटीएफ को भी झांसे में लेने की कोशिश की। गिरफ्तार तीनों तस्करों से जब एसटीएफ और प्रेमनगर पुलिस ने बातचीत शुरू की तो तस्कर हिंदी नहीं बल्कि उडिय़ा भाषा में बात कर रहे थे। जिससे एसटीएफ परेशान हो गई थी। इसी दौरान एक सिपाही ने कंडक्टर को दूसरे कमरे में ले जाकर सख्ती की तो वह फटाफट हिंदी बोलने लगा। जिससे पकड़े गए सभी आरोपितों की पोल खुल गई। आरोपितों ने बताया कि वह उड़ीसा से गांजा तस्करी के लिए उडिय़ा भाषा सीखे थे। जिससे वहां बातचीत करने में परेशानी नहीं होती थी। फिलहाल प्रेमनगर पुलिस ने तीनों आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया है।
शुक्रवार शाम मेरठ एसटीएफ प्रेमनगर थाने से आधा किलोमीटर दूर सड़क के किनारे खड़े एक गांजा से भरे ट्रक को पकड़ा था। ट्रक के अंदर तीन तस्कर मौजूद थे। पुलिस सभी को पकड़कर थाने लाई और ट्रक की तलाशी ली तो उसमें छह क्विंटल गांजा मिला था। तस्करों ने गांजा छुपाने के लिए बोरों के उपर नारियल रख दिए थे। जिससे चेकिंग के दौरान लगता था कि ट्रक में नारियल भरा है। पकड़े गए तस्करों में दो मन्नू और अंकुर मिश्रा ने खुद को संजयनगर बारादरी का बताया जबकि कंडक्टर ने अपना नाम सूरज निवासी बासमंडी कोतवाली बताया। पूछताछ में पता चला था कि सभी तस्कर रिजवान के लिए काम करते थे। रिजवान मूल रूप से बीसलपुर पीलीभीत का रहने वाला है। इन दिनों बरेली को ठिकाना बनाया था। पुलिस रिजवान की तलाश में उसके ठिकानों पर दबिश दे रही है।