उत्तर प्रदेशराज्य

बैंड-बाजा वालों की होगी कोरोना जांच

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:शहर में कोरोना की दूसरी लेकर रोकने को पूरी सतर्कता बरती जा रही है। ऐसे में एंटीजेन रैपिड किट के बजाए सटीक परिणाम देने वाला आरटीपीसीआर टेस्ट बढ़ा दिया गया है। साथ ही बैंड-बाजा वालों की भी सैंपलिंग 10 बजे से शुरू होगी। शहर में आठ अर्बन सीएचसी हैं। वहीं नौ रूरल सीएचसी हैं। इन सभी के तहत स्वास्थ्य विभाग की 150 रैपिड रिस्पांस टीम काम करती हैं।

शहर में कोरोना की दूसरी लेकर रोकने को पूरी सतर्कता बरती जा रही है। ऐसे में एंटीजेन रैपिड किट के बजाए सटीक परिणाम देने वाला आरटीपीसीआर टेस्ट बढ़ा दिया गया है।

शहर के इंट्री प्वाइंट टोल प्लाजा से लेकर एयरपोर्ट, बस स्टॉप व सभी रेलवे स्टेशन पर बाहर से आने वाले व्यक्तियों पर टीम की नजर है। संदिग्ध लक्षण होने पर मौके पर ही उनका कोरोना टेस्ट किया जा रहा है। मगर, अक्टूबर में 40 फीसद सैंपल ही आरटीपीसीआर जांच के लिए लैब भेजे जा रहे थे। वहीं 60 फीसद का मौके पर ही एंटीजेन रैपिड किट टेस्ट से ही जांच की जा रही थी। इस बीच नवंबर में दीवाली के बाद संक्रमण की रफ्तार बढ़ने लगी। लिहाजा, मुख्यमंत्री ने आरटीपीसीआर टेस्ट बढ़ाने का निर्देश दिया। ऐसे में सैंपलों की संख्या के साथ-साथ आरटीपीसीआर टेस्ट भी बढ़ा दिए गए हैं। एसीएमओ डॉ. एमकेसिंह ने कहा कि अब कुल सैंपल के 50फीसद मरीजों का आरटीपीसीआर टेस्ट काराया जा रहा है। इसके परिणाम अधिक विश्वसनीय हैं।

चार हजार तक अधिक सैंपल

शहर में अक्टूबर की शुरुआत में चार से पांच हजार के बीच कोरोना की जांच की जा रही थी। वहीं नवंबर में त्योहार से पहले टारगेटेड सैंपलिंग अभियान चलाया गया। इसमें दुकानदारों की जांच की। ऐसे में छह से आठ हजार रोजसैंपल संग्रह किए गए। वहीं अब हर दिन 11 से 12 हजार के बीच कोरोना मरीजों की जांच की जा रही है। मंगलवार से हर सीएचसी अपने क्षेत्र में बैंड बाजा,कैटर्स,खाना परोसने वाले वर्कर, फ्लावर डोकोरेशन स्टाफ, मैरिज हाल के कर्मियों की भी जांच की जाएगी।

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