उत्तर प्रदेशराज्य

सीएचसी के अलग-अलग नियम

स्वतंत्रदेश , लखनऊ:शहर के स्वास्थ्य केंद्रों पर मरीजों को सामान्य इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है। कारण, हर सीएचसी पर ओपीडी के मनमाने नियम हैं। यहां की अलीगंज सीएचसी पर ओपीडी में  दिखाने के लिए हर मरीजों को कोरोना टेस्ट कराना पड़ रहा है। लिहाजा, उन्हें कई काउंटर पर लाइन में लगना पड़ रहा है

लखनऊ में स्वास्थ्य केंद्रों पर मरीजों को सामान्य इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है।

केजीएमयू, लोहिया संस्थान में ओपीडी में दिखाने के लिए मरीजों की सिर्फ स्क्रीनिंग अनिवार्य है। वहीं भर्ती के लिए ही कोरोना टेस्ट किया जाता है। मगर, शहर में खुलीं आठ सीएचसी व ग्रामीण की 11 सीएचसी पर ओपीडी के  नियम अलग-अलग हैं। ऐसे में गर्भवती महिला, बच्चों को दुश्वारियां उठानी पड़ रही हैं। उन्हें पर्चा काउंटर, कोरोना टेस्ट काउंटर पर घंटों लाइन में गुजरना पड़ रहा है। इसके बाद डॉक्टर के कक्ष के बाहर लाइन लगानी पड़ रही है। ऐसा ही हाल अलीगंज सीएचसी पर हो रहा है। यहां ओपीडी में दिखाने के लिए मरीजों को कोरोना टेस्ट की लाइन में लगाया जा रहा है। वहीं इंदिरा नगर सीएचसी पर ओपीडी में डॉक्टर को  दिखाने के लिए कोरोना टेस्ट अनिवार्य नहीं हैं। उधर, सीएमओ डॉ. संजय भटनागर ने मरीजों की समस्या हल करने के बजाए, सीएचसी के नियम को सही करार दिया। उनका दावा है अलीगंज सीएचसी हाई रिस्क जोन में है। ऐसे में सभी मरीजों को कोरोना टेस्ट कराना ठीक रहेगा। वहीं इंदिरानगर भी  कोरोना संक्रमण के लिहाज से हाई रिस्क एरिया है। मगर, यहां मरीजों की ओपीडी में बुखार-जुकाम की स्क्रीनिंग कर सीधे डॉक्टर देख रहे हैं। कोरोना टेस्ट ओपीडी में देखने के लिए नहीं कराया जा रहा है। ऐसे ही अन्य सीएचसी प्रभारियों ने भी अपने-अपने नियम लागू कर रखे हैं।

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