गलत ब्योरा देने पर निरस्त होगा अस्पताल का लाइसेंस
स्वतंत्रदेश ,लखनऊ:कोरोना वैक्सीन के निर्माण की जल्द खुशखबरी मिलने की उम्मीद है। ऐसे में राज्य में वैक्सीनेशन का खाका खींचा जा रहा है। सबसे पहले वैक्सीन फ्रंट वर्कर को लगेंगी। इसके लिए स्वास्थ्य कर्मियों का डाटा जुटाया जा रहा है। इसमें निजी अस्पतालों के स्टाफ के ब्योरा की जांच होगी। गड़बड़ी मिलने पर लाइसेंस निरस्त की कार्रवाई होगी।
डिस्ट्रिक इम्युनाइजेशन ऑफीसर डॉ. एमके सिंह के मुताबिक कोरोना वैक्सीन के लिए ब्योरा जुटाने का काम जारी है। इसमें सरकारी डॉक्टर, कर्मियों, आउटसोर्सिंग कर्मियों व संविदा कर्मियों की संख्या दफ्तर आ गई। इसमें पेन कार्ड, आधार कार्ड, जॉब आइडी क्रमांक आदि जमा कराए गए हैं। वहीं निजी अस्पताल के डॉक्टर, कर्मी भी मैनपॉवर का स्टाफ भेज रहे हैं। शहर में नौ सौ के करीब नर्सिंग होम, छह सौ के करीब पैथोलॉजी व डायग्नो िस्टक सेंटर हैं। निजी अस्पतालों व केंद्रों के रिकॉर्ड की रेंडम जांच की जाएगी। इसके लिए अस्पताल से भेजे गए स्टाफ का ब्योरा दफ्तर में मौजूद पंजीकरण सेल के रिकॉर्ड से मिलान किया जाएगा। ऐसे में पंजीकरण के रिकॉर्ड में उपलब्ध स्टाफ व वैक्सीन के लिए भेजे गए स्टाफ की संख्या में गड़बड़ी हुई तो लाइसेंस निरस्त की कार्रवाई जाएगी।
चार कमरों का वैक्सीन स्टोर सेंटर बनेगा
जनपद में चार कमरों का वैक्सीन सेंटर ऐशबाग में बनेगा। सीएमओ डॉ. संजय भटनागर ने इसके लिए दस लाख रुपये का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा है। वैक्सीन को निश्चित तापमान पर रखने के लिए पहले पांच आइसलाइन रेफ्रीजरेटर (आइएलआर) व पांच डीप फ्रीजर खरीदे जाएंगे। आइएलआर में कोराेना वैक्सीन का टंपरेचर मेनटेन रहेगा। वहीं डीप फ्रीजर में आइसपैक तैयार किए जाएंगे। यह वैक्सीन को बूथ पर ले जाते वक्त कोल्डचेन मेनटेन रखने में मददगार बनेंगे।