उत्तर प्रदेशलखनऊ

 राम मंदिर दर्शन को आ रहे हैं… तो जरा रुकिए

स्वतंत्रदेश लखनऊरामनगरी अयोध्या स्थित श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर में 25 नवंबर को भव्य ध्वजारोहण समारोह का आयोजन होगा। इसकी तैयारियां अंतिम चरण में पहुंच गई हैं। राम मंदिर भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने मंगलवार को बैठक से पहले तैयारियों की विस्तृत जानकारी साझा की। 

उन्होंने बताया कि 25 नवंबर को आम श्रद्धालु रामलला के दर्शन नहीं कर सकेंगे। मंदिर के शिखर पर फहराया जाने वाला ध्वज न केवल आस्था का प्रतीक होगा, बल्कि श्रीराम जन्मभूमि निर्माण की पूर्णता का संदेश भी देगा। ट्रस्ट के लिए यह आयोजन तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण है। इसलिए सेना के सहयोग से इसकी तैयारियां की जा रही हैं। करीब 11 किलो वजनी ध्वज को शिखर पर फहराने का ट्रायल सेना ने शुरू कर दिया है। ध्वज की लंबाई 22 फीट और चौड़ाई 11 फीट होगी। सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने मंदिर परिसर में ध्वजारोहण का रिहर्सल पूरा करके रिपोर्ट ट्रस्ट को सौंप दी है। इसे बिना किसी परिवर्तन के लागू किया जाएगा। क्योंकि, इस ऐतिहासिक क्षण पर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी होंगी। 

पैराशूट फैब्रिक से तैयार होगा ध्वज

नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि ध्वज के कपड़े को लेकर भी विशेष ध्यान दिया गया है। संभावना है कि इसे पैराशूट फैब्रिक से तैयार किया जाएगा। ताकि, ऊंचाई पर भी यह मजबूती से लहराता रहे। इस पर कोबेदार वृक्ष और भगवान सूर्य का प्रतीक अंकित होगा, जो दिव्यता और ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करेगा।

26 नवंबर को आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे कपाट

उन्होंने आगे कहा कि हमारी प्राथमिकता यही है कि श्रद्धालु मंदिर निर्माण कार्य को देख सकें। दर्शन व्यवस्था सुचारू रहे। ध्वजारोहण के दिन करीब आठ हजार श्रद्धालुओं को आमंत्रित किया गया है। इस दिन परकोटा और सप्त मंदिरों में दर्शन नहीं होंगे, लेकिन अगले दिन से आम श्रद्धालुओं के लिए श्रीराम जन्मभूमि के सभी मंदिर दर्शन के लिए खोल दिए जाएंगे।

मंदिर परिसर में अब कोई नया निर्माण कार्य नहीं होगा

मंदिर परिसर में रेलिंग और म्यूरल लगाने का काम अंतिम चरण में है। ट्रस्ट ने स्पष्ट किया है कि अब कोई नया निर्माण कार्य नहीं होगा। केवल, अंतिम रूप देने और सुंदरीकरण की प्रक्रिया जारी है।

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