यूपी में स्मार्ट प्रीपेड मीटर से नए बिजली कनेक्शन पर उठे सवाल
स्वतंत्रदेश ,लखनऊनये बिजली कनेक्शन में स्मार्ट प्रीपेड मीटर ही लगाए जाने संबंधी पावर कॉरपोरेशन के आदेश पर सवाल उठाते हुए उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने विद्युत नियामक आयोग में प्रस्ताव दाखिल किया है। आयोग की मंजूरी के बिना जारी किए गए आदेश को असंवैधानिक बताते हुए परिषद ने कहा है कि इससे एक किलोवाट का बिजली कनेक्शन जहां पांच हजार रुपये वहीं पांच किलोवाट का आठ हजार रुपये से ज्यादा महंगा हो जाएगा।

इस बीच मध्यांचल डिस्काम द्वारा सभी बिजली कंपनियों के लिए लगभग 100 करोड़ रुपये से 13 लाख से अधिक इलेक्ट्रॉनिक मीटर खरीदने पर भी परिषद ने आपत्ति जताई है।
परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने बताया कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर की दर अभी आयोग ने तय नहीं की है। आयोग की संबंधित कमेटी का सदस्य होने के नाते वर्मा ने कहा कि जब कमेटी ने अनुमोदन ही नहीं दिया है तब कॉरपोरेशन प्रबंधन कैसे तय कर सकता है।उन्होंने कहा कि पहले की कास्ट डाटा बुक के आधार पर पुराने प्रीपेड मीटर की दर लागू करने पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर के साथ एक किलोवाट का कनेक्शन 1,032 रुपये के बजाय 6,166 रुपये में मिलेगा।
इसी तरह पांच किलोवाट के कनेक्शन का खर्चा 7,057 से बढ़कर 15,470 रुपये हो जाएगा। वर्मा ने बताया कि उड़ीसा में एक किलोवाट का कनेक्शन 4500 रुपये में मिलता है।
परिषद अध्यक्ष ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक मीटर के लिए निकाले गए टेंडर में सिंगल फेज मीटर की दर 611 रुपये आई है, जो जीएसटी सहित लगभग 720 रुपये होगी जो कि मीटर की मौजूदा दर से 152 रुपये कम होगी।
वर्मा ने कहा कि जब स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की बात की जा रही है तब 100 करोड रुपये से पुराने मीटर क्यों खरीदे जा रहे हैं। उन्होंने सरकार से तत्काल इस मामले की जांच कराने की मांग की है।
हालांकि, पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष गोयल का कहना है कि संबंधित मीटर गांव में बिजली कनेक्शन देने के लिए खरीदे जा रहे हैं।