महिलाओं को स्टांप में बड़ी छूट; योगी कैबिनेट के बड़े फैसले
स्वतंत्रदेश ,लखनऊकेंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों व कर्मचारियों को भवन की मरम्मत व निर्माण के लिए मिलने वाली अग्रिम राशि को तीन गुना से ज्यादा बढ़ा दिया गया है। ब्याज दरों को भी बाजार दर से लिंक कर दिया गया है। इससे संबंधित प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर ने बताया कि कार्मिकों को भवन निर्माण, खरीदने, मरम्मत और विस्तार के लिए एडवांस का प्रावधान है। पहले ये राशि अधिकतम 7 लाख रुपये थी और फिक्स ब्याज 9.1 फीसदी था। इसमें वर्ष 2010 से संशोधन नहीं किया गया था। तब ब्याज दरें 11-12 फीसदी होती थीं। आज होम लोन पर ब्याज 7 से 8 फीसदी है। इससे 7 लाख रुपये लेने वालों की संख्या बहुत कम थी। कैबिनेट अनुमोदन के बाद अब अग्रिम राशि 7 लाख से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दी गई है। मार्केट रेट से ब्याज लिंक करने से 7 से 8 फीसदी पर रकम मिल सकेगी।

स्टांप ड्यूटी में छूट
महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देने की दिशा में योगी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। अब उत्तर प्रदेश में 1 करोड़ रुपये तक मूल्य की संपत्ति (जैसे मकान, जमीन आदि) यदि किसी महिला के नाम खरीदी जाती है, तो उस पर स्टाम्प शुल्क में 1% की छूट मिलेगी। अब तक राज्य में यह छूट केवल 10 लाख रुपये तक की संपत्ति पर ही लागू थी, जिसमें अधिकतम 10 हजार रुपये तक की छूट मिलती थी। लेकिन अब सरकार ने इस छूट को बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये तक की संपत्ति पर लागू कर दिया है, जिससे महिलाओं को अधिक लाभ मिलेगा। मंगलवार शाम लोकभावन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई। बैठक में कुल 37 मद पारित किए गए। इसमें 11 अगस्त से विधानसभा के मॉनसून सत्र की शुरुआत का भी निर्णय लिया गया।
पेयजल, सीवरेज, ड्रेनेज, कूड़ा प्रबंधन के निशुल्क दी जाएगी ग्राम समाज की भूमि
शहरी लोगों को पेयजल आपूर्ति, सीवरेज, ड्रेनेज, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और नगरीय परिवहन जैसी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए शहरों के आसपास स्थित ग्राम समाज की भूमि मुफ्त में दी जाएगी। इसके लिए नगर विकास विभाग को सेवारत विभाग का दर्जा देने का फैसला किया गया है। इसके आधार पर पांच साल तक ऐसी भूमि को मुफ्त में दिया जा सकेगा। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला किया गया।
प्रदेश की कुल जनसंख्या की लगभग एक चौथाई आबादी शहरों में रहती है। प्रदेश में मौजूदा समय 762 निकाय हैं। इनमें 17 नगर निगम, 200 पालिका परिषद और 545 नगर पंचायतें हैं। नगर विकास विभाग द्वारा संचालिक पेयजल आपूर्ति, सीवरेज, ड्रेनेज, ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन और नगरीय परिवहन के लिए पांच साल तक मुफ्त भूमि देने का आदेश राजस्व विभाग द्वारा 17 जून 2011 को जारी किया गया था, जो जून 2016 में समाप्त हो गया है। इसी तरह जो आदेश सात मार्च 2019 को इस संबंध में जारी आदेश मार्च 2024 में समाप्त हो गया है।