इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने स्वीकार किया कि प्रदेश में 82 पुल ऐसे हैं जो असुरक्षित हो चुके हैं लेकिन उन पर परिचालन जारी है। हालांकि, सरकार ने यह भी कहा कि ऐसे सभी पुलों के स्थान पर जल्द से जल्द वैकल्पिक व्यवस्था किए जाने पर विचार चल रहा है।न्यायालय ने सरकार को शपथ पत्र दाखिल कर स्थिति को और स्पष्ट करने को कहा। साथ ही इन सभी पुलों की लोकेशन व उम्र भी मांगी है। यह आदेश न्यायमूर्ति एआर मसूदी व न्यायमूर्ति अजय कुमार श्रीवास्तव (प्रथम) की खंडपीठ ने ज्ञानेन्द्र नाथ पांडेय व एक अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर पारित किया।
याचिका में प्रदेश भर के पुलों की स्ट्रक्चरल स्टडी कराते हुए कमजोर हो चुके पुलों के संबंध में यथोचित आदेश पारित करने की प्रार्थना की गई है। याची की ओर से 50 साल या इससे अधिक पुराने पुलों की विशेष तौर पर स्टडी कराने की मांग की गई है। पूर्व के आदेश के अनुपालन में राज्य सरकार के अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि प्रदेश में कुल 2800 पुलों का निर्माण हो चुका है।स्ट्रक्चरल स्टडी में 82 पुल असुरक्षित पाए गए हैं। न्यायालय ने कहा कि मामले में राज्य सरकार ने पहले ही आवश्यक कदम उठाए हैं। न्यायालय ने याचिका को दो सप्ताह बाद सूचीबद्ध करने का आदेश देते हुए स्ट्रक्चरल स्टडी करने वाली विशेषज्ञों की टीम का ब्यौरा भी तलब किया है।