उत्तर प्रदेशराज्य

पांच वर्ष पुराने मामले में मिली जमानत

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:प्रदेश की राजधानी लखनऊ में चॢचत अजीत सिंह हत्याकांड में साजिश रचने के मामले में नामजद पूर्व सांसद धनंजय सिंह को पांच वर्ष पुराने मामले में जमानत मिल गई है। फर्रुखाबाद के फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में जमानत का आदेश मिलते ही पूर्व सांसद धनंजय सिंह को रिहा कर दिया गया।

जौनपुर के पांच साल पुराने मामले में लगभग तीन सप्ताह से फर्रुखाबाद की फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में बंद बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह को जमानत पर रिहा कर दिया गया।

जौनपुर के पांच साल पुराने मामले में लगभग तीन सप्ताह से फर्रुखाबाद की फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में बंद बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह को जमानत पर रिहा कर दिया गया। इसके बाद उन्हेंं गुपचुप तरीके से धनंजय सिंह को समर्थक लेकर निकल गये और पुलिस को भनक तक नहीं लगी। फतेहगढ़ केंद्रीय कारगार के जेल अधीक्षक ने धनंजय सिंह के रिहा होने की पुष्टि की।

पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की लखनऊ में हुई हत्या के मामले में बाहुबली धनंजय सिंह का नाम आने के बाद लखनऊ पुलिस सरगर्मी से उनकी तलाश कर रही थी। इसके बाद पूर्व सांसद पर 25,000 का इनाम भी घोषित किया गया था। इस केस में पुलिस की सख्ती बढऩे के बाद पांच मार्च को धनंजय सिंह ने 5 मार्च को वर्ष 2017 जौनपुर के खुटहन थाने में दर्ज मुकदमे में जमानतदार ने जमानत वापस ली थी। इसके बाद पांच मार्च को ही धनंजय सिंह ने एमपी/एमएलए कोर्ट में सरेंडर किया था। जिसके बाद कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में लेकर नैनी जेल भेज दिया।

धनंजय सिंह को 11 मार्च को नैनी जेल से फतेहगढ़ केंद्रीय कारागार भेज दिया गया था। इस मामले में धनंजय की तरफ से दूसरे जमानतदारों की जमानती पत्र कोर्ट में पेश किया गया, जिस पर कोर्ट ने रिहा करने का आदेश दिया। कोर्ट के आदेश के बाद धनंजय सिंह को बुधवार को फतेहगढ़ केंद्रीय कारगार से रिहा कर दिया गया।

लखनऊ पुलिस ने धनंजय सिंह की गिरफ्तारी के लिए 25 हजार का इनाम भी घोषित किया था। धनंजय सिंह की कोर्ट में पेश जमानत पत्रावली के साथ ही फतेहगढ़ जेल से रिहाई पूरी तरह से गोपनीय रही। अजीत सिंह हत्याकांड में लखनऊ पुलिस की सक्रियता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। धनंजय सिंह के सरेंडर के बाद लखनऊ पुलिस अभी भी अजीत सिंह हत्याकांड में कोर्ट से वारंट भी हांसिल नही कर सकी। इस केस में धनंजय सिंह की आसानी से रिहाई हो गई। धनंजय सिंह के जेल में रहने के दौरान लखनऊ पुलिस ने अजीत सिंह हत्याकांड में अपना वारंट दाखिल ही नहीं किया, जिसकी वजह से धनंजय सिंह ने जिस जिस मामले में सरेंडर किया, उसमें जमानत मिल गई। वारंट दाखिल न करने पर पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर का कहना है कि यह विवेचक और विवेचना का विषय है। फिलहाल इस मामले की समीक्षा की जाएगी।

बहुजन समाज पार्टी के जौनपुर से सांसद रहे धनंजय सिंह को 11 मार्च को प्रयागराज की नैनी जेल से सुरक्षा कारणों से यहां स्थानांतरित किया गया था। बुधवार को जमानत आदेश के आधार पर उन्हेंं फतेहगढ़ सेंट्रल जेल से रिहा कर दिया गया। केंद्रीय कारागार के वरिष्ठ अधीक्षक प्रमोद शुक्ला ने बताया कि धनंजय सिंह को जमानत आदेश और परवाना रिहाई के आधार पर रिहा कर दिया गया।

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