उत्तर प्रदेशराज्य

प्रदेश में सबसे ज्यादा सड़क हादसे इन 20 जिलों में

प्रदेश में सड़क हादसों में दम तोड़ने वालों में 56 फीसदी की मौत की वजह रफ्तार और मोबाइल पर बात करते हुए गाड़ी चलाना है। नशे से आठ और गलत दिशा में गाड़ी चलाने से 12 फीसदी लोगों की जान गई है। दम तोड़ने वालों में 42 फीसदी सिर्फ 20 जिलों के हैं। इनमें अवध क्षेत्र के लखनऊ, सीतापुर और बाराबंकी जिले भी हैं। यह खुलासा परिवहन विभाग की रिपोर्ट में हुआ है। अब परिवहन विभाग इस पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस, स्वास्थ्य, शिक्षा सहित विभिन्न विभागों की मदद लेगा।रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2024 में सड़क हादसों में कुल 24118 लोगों की मौत हुई। इसमें 10092 लोगों (42 फीसदी) की मौतें सिर्फ 20 जिलों में हुईं। इसे देखते हुए परिवहन विभाग ने नई रणनीति बनाई है। इसके तहत विभाग अपने स्तर पर वाहनों की फिटनेस जांच और ओवरलोडिंग रोकने के लिए अभियान चलाएगा। ऐसे ही यातायात पुलिस को सक्रिय करने, एक्सप्रेसवे और एनएच पर पेट्रोलिंग बढ़ाने, स्कूलों में जागरूकता अभियान चलाने और एंबुलेंस का रिस्पॉन्स टाइम कम किया जाएगा। इसके लिए परिवहन विभाग ने संबंधित विभागों को पत्र भेजा है। विभाग ने संयुक्त रणनीति के जरिये वर्ष 2025 में 20 से 30 फीसदी सड़क हादसे कम कर मृत्युदर घटाने का लक्ष्य रखा है।

लखनऊ में 1.4 और सीतापुर में 7.3 फीसदी बढ़ी मृत्युदर

परिवहन विभाग की ओर से चिह्नित सर्वाधिक हादसे वाले 20 जिलों में वर्ष 2023 की अपेक्षा 2024 में मृत्युदर आगरा में 17.4 फीसदी बढ़ी है। हरदोई में 6.7 फीसदी, मथुरा में 6.9 फीसदी, लखनऊ में 1.4 फीसदी, सीतापुर में 7.3 फीसदी, उन्नाव में 11.2 फीसदी, बदायूं में 12.5 फीसदी बढ़ी। मृत्युदर घटाने में कानपुर नगर अव्वल रहा। यहां 12.2 फीसदी की गिरावट हुई है। गोरखपुर में 11.9 फीसदी, बरेली में सात फीसदी, बुलंदशहर में 5.9 फीसदी, प्रयागराज में 6 फीसदी हादसे कम हुए हैं। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि आगरा में अन्य पड़ोसी राज्यों का दवाब होने से भी हादसे बढ़े हैं। इसलिए मृत्युदर अधिक है। कानपुर नगर में मेट्रो की शुरुआत, जीटी रोड के चौड़ीकरण और पुलिस व परिवहन विभाग की चौकसी से मृत्युदर घटी है।

गलत दिशा में गाड़ी चलाकर 12 फीसदी ने गंवाई जान

रफ्तार से मरने वालों की संख्या नौ फीसदी बढ़कर 40 से 49 फीसदी हो गई है। गाड़ी चलाते हुए मोबाइल पर बात करने से सात फीसदी की मौत हुई है। ऐसे ही गलत दिशा में गाड़ी चलाने से 12 फीसदी, रेड लाइट तोड़ने की वजह से एक फीसदी की मौत हुई है। 23 फीसदी की मौत की वजह अलग-अलग है।

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