बांग्लादेशियों की घुसपैठ कराने वाले गिरोह की तलाश तेज
स्वतंत्रदेश ,लखनऊआतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने रोहिंग्या व बांग्लादेशियों की घुसपैठ कराने वाले गिरोह की जांच फिर तेज की है। गिरोह के कुछ सक्रिय सदस्यों की जानकारी जुटाई गई है, जिनकी तलाश की जा रही है। घुसपैठ कर कुछ बांग्लादेशियों को भी चिह्नित कराया जा रहा है।अलीगढ़ से बांग्लादेशी सिराज व उसकी पत्नी हलीमा की गिरफ्तारी के बाद इनके बारे में सुराग मिले थे। एटीएस की एक टीम को बांग्लादेशियों के फर्जी भारतीय पहचान पत्र बनवाने वालों की छानबीन में लगाया गया है। खासकर पासपोर्ट बनवाने में मददगार रहे जालसाजों की तलाश की जा रही है।
पासपोर्ट बनवाने में मददगार रहे जालसाजों की तलाश
एटीएस ने मूलरूप से बांग्लादेश के फरीदपुर निवासी सिराज व उसकी पत्नी हलीमा को अलीगढ़ से गिरफ्तार किया है। दोनों अलीगढ़ में नगला आशिक अली रोड, शाह कुतुबपुर में किराये के मकान में पहचान बदलकर रह रहे थे। एटीएस उन्हें अलीगढ़ में किराये का मकान दिलाने से लेकर फर्जी दस्तावेज बनवाने में मददगार रहे बांग्लादेश के निवासी पप्पू की भी तलाश कर रहा है।विदेशी फंडिंग को लेकर भी जांच तेज की है। कुछ संदिग्ध बैंक खातों की पड़ताल की जा रही है। इन खातों में कुछ माह पूर्व खाड़ी देशों से रकम भेजे जाने की जानकारी सामने आई है। एटीएस ने सबसे पहले 11 अक्टूबर, 2023 को बांग्लादेश के मीरपुर निवासी आदिल मोहम्मद असरफी उर्फ आदिलुर्रहमान के अलावा बंगाल के निवासी नजीबुल शेख व अबु हुरायरा गाजी को गिरफ्तार किया था।इनसे पूछताछ में बांग्लादेशी व रोहिंग्या की घुसपैठ कराने से लेकर उन्हें विभिन्न शहरों में शरण दिलाने वाला बड़ा सिंडीकेट सामने आया था। एटीएस की छानबीन में सामने आया था कि सिंडीकेट विदेशी फंडिंग से देश विरोधी गतिविधियों को भी बढ़ावा देने का काम कर रहा है।छह साल से अवैध रूप से रह रही बांग्लादेशी महिला को किया डिपोर्ट
दिल्ली में बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है। एंटी-नारकोटिक्स यूनिट ने अवैध रूप से रह रही बांग्लादेशी प्रवासी महिला को (डिपोर्ट) बांग्लादेश भेज दिया है। महिला सोनाली शेख पिछले छह साल से भारत में थी। वह कभी मुंबई तो कभी दिल्ली में रहती थी। तीन दिन पहले दक्षिण जिला पुलिस ने घुसपैठियों को अवैध दस्तावेज दिलाने वाले गैंग के 11 लोगों को दबोचा था। इनमें फर्जी वेबसाइट, आधार कार्ड आपरेटर और तकनीकी विशेषज्ञ शामिल हैं। आरोपितों में छह बांग्लादेशी शामिल थे, जो फर्जीवाड़ा कर घुसपैठियों को भारत का नागरिक साबित करने में मदद करते थे।