उत्तर प्रदेशराज्य

काशी से पटना होते हावड़ा तक हाई स्पीड रेल का सर्वे पूरा

 स्वतंत्रदेश ,लखनऊहाई स्पीड रेल (बुलेट ट्रेन) 2026 तक मुंबई से अहमदाबाद दौड़ने लगेगी। साथ ही वाराणसी से हावड़ा वाया पटना हाई स्पीड रेल कारिडोर परियोजना भी पटरी पर आती दिखने लगी है। जिले में सर्वे का काम पूरा हो गया है।नेशनल हाई स्पीड रेल कारपोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) दिल्ली-हावड़ा बुलेट ट्रेन चलाने पर काम कर रहा है। इसके प्रथम फेज में वाराणसी से हावड़ा कारिडोर बनाया जाएगा। दूसरे फेज में दिल्ली से वाराणसी वाया लखनऊ का निर्माण किया जाएगा। पहले फेज के लिए 760 किलोमीटर की हाई-स्पीड रेल परियोजना प्रस्तावित है।वाराणसी जिले में चिरईगांव विकास खंड के नरायनपुर, उकथी, सिरिस्ती, अमौली, रैमला, छितौनी, बकैनी, देवरिया, धराधर आदि गांवों में सर्वे पूरा हो गया है। भूमि चिह्नित कर ली गई है। परियोजना में जितने किसानों की जमीन चिह्नित की गई है, उनकी सूची भी जारी कर दी गई है।

कई स्थानों पर निशान के पत्थर भी गाड़ दिए गए हैं। अब मुआवजा के संबंध में किसानों से उनका आधार कार्ड समेत अन्य दस्तावेज लिए जा रहे हैं। कुछ स्थानों पर गांवों को जोड़ने वाली सड़कों पर अंडरपास बनाने के लिए पिलर का स्थान भी तय कर लिया गया है। कारिडोर में एलिवेटेड, भूमिगत होने के साथ ग्रेड (समतल भूमि) पर बिछाई जाएगी। एलिवेटेड हिस्से की उंचाई 20 फीट होगी।

760 किलोमीटर में होंगे 10 स्टेशन

वाराणसी, बक्सर, आरा, पटना व नवादा, धनबाद, आसनसोल, दुर्गापुर, वर्धमान और हावड़ा है। हाई स्पीड रेल से अधिकतम तीन घंटे में वाराणसी से कोलकाता पहुंचना संभव होगा। प्रस्तावित हाई स्पीड रूट पर अधिकतम गति 350 किमी प्रति घंटा तक हो सकती है। रेलवे लाइन को एक्सप्रेसवे, नेशनल हाईवे व ग्रीनफील्ड क्षेत्र के साथ चलाने की योजना है। कई शहरों में इसकी कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए मुख्य सड़क के पास से इसे ले जाया जा सकता है। जहां से रेल कारिडोर गुजरेगा उस क्षेत्र में समृद्धि के द्वार खुलेंगे। रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

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