उत्तर प्रदेशराज्य

परीक्षा शुरू होते ही जीव विज्ञान और गणित का पेपर हुआ ‘आउट’

स्वतंत्रदेश ,लखनऊउप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) का इंटरमीडिएट जीव विज्ञान और गणित विषय का प्रश्न पत्र गुरुवार को परीक्षा प्रारंभ होने के एक घंटे बाद इंटरनेट मीडिया पर आउट हो गया। दोनों प्रश्नपत्र के फोटो विद्यालय प्रबंधकों के एक वाट्सएप ग्रुप पर डाले गए, जिन्हें बाद में डिलीट कर दिया गया। तब तक प्रश्न पत्र इंटरनेट मीडिया पर तेजी से प्रसारित होने लगे। जीव विज्ञान और गणित विषय की परीक्षा दूसरी पाली में दोपहर दो बजे शुरू हुई। दोपहर 3:11 बजे आल प्रिंसिपल आगरा नामक ग्रुप पर विनय चौधरी नामक व्यक्ति ने वाट्सएप नंबर 9897525748 से दोनों प्रश्न पत्र की फोटो डाली। विनय चौधरी फतेहपुर सीकरी क्षेत्र के गांव रिझौली के अतर सिंह इंटर कॉलेज में कंप्यूटर ऑपरेटर है।ग्रुप पर डालने के पांच मिनट बाद ही उन्हें विनय चौधरी ने डिलीट कर दिया। तब तक प्रश्नपत्र इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित होने लगा। इसकी भनक लगते ही विनय चौधरी ने तुरंत ग्रुप छोड़ दिया और अपना फोन नंबर भी बंद कर लिया।

परीक्षा दे रहे थे छात्र

बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने बताया, दोनों प्रश्न पत्र परीक्षा प्रारंभ होने के सवा घंटे बाद प्रसारित हुए। परीक्षार्थी सवा घंटे परीक्षा दे चुके थे। प्रश्न पत्र प्रसारित किया गया, उसकी हल उत्तर पुस्तिका केंद्रों पर नहीं पहुंचीं। इसलिए इससे किसी परीक्षार्थी को कोई लाभ नहीं हुआ है। यदि परीक्षा प्रारंभ होने के पहले प्रसारित होता, तो प्रश्नपत्र लीक माना जाता।

इनके खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा

ऑल प्रिंसिपल आगरा ग्रुप को पूर्व जिला विद्यालय निरीक्षक मनोज कुमार ने तैयार कराया था, जिसमें वर्तमान में 991 सदस्य हैं। डीआइओएस दिनेश कुमार ने बताया कि आरोपित विनय चौधरी के साथ अतर सिंह इंटर कॉलेज के केंद्र व्यवस्थापक राजेंद्र सिंह, अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक गंभीर सिंह (सहायक अध्यापक जीएसके इंटर कॉलेज किरावली), स्टेटिक मजिस्ट्रेट डा. गजेंद्र सिंह (पशु चिकित्सा अधिकारी) के खिलाफ थाना फतेहपुरसीकरी में मुकदमा दर्ज कराया है।

गठित की गई जांच कमेटी

डीसीपी पश्चिम सोनम कुमार ने बताया कि आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए टीमें भेजी गई है। वहीं बीएसए जितेंद्र कुमार, जीआईसी प्राचार्य मानवेंद्र सिंह, एडीआइओएस संदीप सिंह की तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है। डीसीपी सोनम कुमार ने बताया कि केंद्र व्यवस्थापक राजेंद्र सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। कई अन्य को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।

नकलविहीन परीक्षा के दावे हुए फेल

यूपी बोर्ड परीक्षा को नकलविहीन कराने के लिए पुख्ता व्यवस्था के दावे किए गए। सीसीटीवी कैमरे, वायर रिकॉर्डर की निगरानी में प्रश्न पत्र के पैकेट खोले गए। मोबाइल फोन केंद्र में प्रतिबंधित किया गया। केंद्र व्यवस्थापक के साथ अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक और स्टेटिक मजिस्ट्रेट तक तैनात किए गए। बावजूद इसके प्रश्न पत्र को इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित करना सुरक्षा में छेद होने की ओर इशारा कर रहा है।

एक बार फिर पेपर लीक की चर्चा

प्रश्न पत्र इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित होने के बाद पहली चर्चा उसके लीक होने की थी। लेकिन रिझौली स्थित अतर सिंह इंटर कॉलेज के कंप्यूटर ऑपरेटर विनय चौधरी ने आल प्रिंसिपल आगरा वाट्सएप ग्रुप पर प्रश्नपत्रों की जो फोटो अपलोड की उनमें नीचे की तरफ लिखे वाटर मार्क में फोन के मॉडल के साथ विनय चौधरी नाम प्रदर्शित हो रहा है। इससे स्पष्ट हो गया कि उक्त फोटो विनय चौधरी ने ही खींचे थे।

उठ रहे हैं व्यवस्था पर सवाल

लेकिन अब यहां यह प्रश्न उठता है कि जब सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता थी, केंद्र व्यवस्थापक के साथ अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक और स्टेटिक मजिस्ट्रेट के साथ पुलिसकर्मी भी तैनात थे, तो वह प्रश्न पत्र पाकर उनके फोटो खींचकर भेजने में कैसे सफल हो गया। इससे भी बड़ा प्रश्न यह था कि जब केंद्र में मोबाइल प्रतिबंधित था, तो वह केंद्र में मोबाइल लेकर कैसे पहुंच गया।

उठते रहे प्रश्न, क्या रद्द होगी परीक्षा

प्रश्न पत्र इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित होने की सूचना परीक्षार्थियों को द्वितीय पाली की परीक्षा संपन्न होने के बाद लगी। इससे सुनकर परीक्षा देकर निकले परीक्षार्थी चिंता में डूब गए। वह आपस में चर्चा करने लगे कि क्या अब उन्हें दोबारा परीक्षा देनी होगी? क्या परीक्षा रद्द कर दी जाएगी? इसके लिए वह बार-बार इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रही खबरों की जानकारी लेते रहे।

फोटो के नीचे वाटरमार्क पर लिखा विनय चौधरी

ग्रुप से फोटो भले डिलीट कर दिए गए, लेकिन अन्य सदस्यों ने प्रश्नपत्र के फोटो अपने पास सेव कर लिए। उन फोटो में नीचे की तरफ लिखे वाटरमार्क में भी फोन के मॉडल के साथ विनय चौधरी का ही नाम प्रदर्शित हो रहा है। इससे आशंका है कि यह फोटो विनय चौधरी नामक व्यक्ति ने ही खींचे थे। चर्चा रही कि कहीं प्रश्न पत्र हल करने के लिए केंद्र के बाहर वाट्सएप के माध्यम से तो नहीं भेजा गया था, जो गलती से आल प्रिंसिपल आगरा ग्रुप पर पोस्ट हो गया। गलती पता चलने पर जब तक उन्हें हटाया, यह प्रसारित हो गया।

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