उत्तर प्रदेशराज्य

ग्रामीण इलाकों में बिजली देने में फिसड्डी साबित हुआ यूपी

स्वतंत्रदेश, लखनऊ:ग्रामीण इलाके को बिजली उपलब्ध कराने के मामले में हिमाचल प्रदेश को छोड़ अन्य सभी राज्यों से उत्तर प्रदेश पीछे हैं। यहां 16 घटे 09 मिनट बिजली देने का दावा किया जा रहा है। जबकि अन्य राज्यों में आपूर्ति का आंकड़ा इससे अधिक है। यह खुलासा हुआ है ऊर्जा मंत्रालय की ओर से 27 जुलाई को लोकसभा में रखी गई रिपोर्ट में।प्रदेश की बड़ी आबादी ग्रामीण इलाके में रहती है। ग्रामीण इलाके में ज्यादातर कनेक्शन किसानों के हैं। इसके बाद भी यहां बिजली आपूर्ति के मामले में ग्रामीण इलाके को उसके हाल पर छोड़ दिया गया है। लोकसभा के पटल पर पिछले 5 वर्षों के ग्रामीण व शहरी आपूर्ति के आंकड़ें में खुसासा हुआ है कि हिमाचल प्रदेश अपने यहां ग्रामीण क्षेत्र को 12 घंटे 85 मिनट बिजली आपूर्ति देता है। जबकि उत्तर प्रदेश 16 घंटे 09 मिनट आपूर्ति के साथ दूसरे नंबर पर है।

ग्रामीण क्षेत्र को सर्वाधिक 23.85 घंटे गुजरात एवं महाराष्ट्र बिजली उपलब्ध कराता है। पावर कॉरपोरेशन की ओर से जारी किए गए शिड्यूल में उत्तर प्रदेश के शहरी क्षेत्र को 24 घंटे और ग्रामीण क्षेत्र को 18 घंटे बिजली देने का दावा किया जाता है। इतना ही नहीं वर्ष 2018 की अपेक्षा अन्य राज्यों ने ग्रामीण इलाके में बिजली आपूर्ति की दर में लगातार बढोतरी की है, लेकिन उत्तर प्रदेश ने नहीं किया है।

साल दर साल घट रही ग्रामीण आपूर्ति

लोकसभा में रखी गई रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश में ग्रामीण इलाके को बिजली देने की दर साल दर साल घट रही है। यहां वर्ष 2018-19 में 19 घंटे 6 मिनट आपूर्ति की जा रही थी। इसे वर्ष 2019-20 में 17 घंटे 2 मिनट किया गया और वर्ष 2022-23 में 16 घंटे 9 मिनट कर दिया गया है। इसके अलावा ब्रेकडाउन और अन्य तरह से लोकल फॉल्ट निरंतर बने रहते हैं। ऐसी स्थिति में ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं को जरूरत के मुताबिक बिजली नही मिल पाती है। इसके विपरीत दूसरे राज्य साल दर साल ग्रामीण इलाके की आपूर्ति की दर बढ़ा रहे हैं।                                                                        

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