युवाओं को कौन सी राह ले जाएगी स्टंटबाजी
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:सिर्फ एक अदद वीडियो की खातिर वह जान की बाजी ही नहीं लगा रही, बल्कि जेल जाने से भी नहीं हिचक रही है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में महंगी कार अथवा मोटरसाइकिल पर सवार युवाओं में खतरनाक स्टंटबाजी करने का बुखार बढ़ चला है। अकेले गौतमबुद्ध नगर जिले में एक सप्ताह के अंदर ऐसे दस से भी अधिक मामले दर्ज किए जा चुके हैं।

होता यह है कि युवा यह खतरनाक खेल करते हुए वीडियो बनवाते हैं और इंटरनेट मीडिया के विभिन्न मंचों पर बहुप्रसारित कर देते हैं। फिर कमेंट्स और लाइक्स के आधार पर लोकप्रियता का आकलन करते हैं। रोमांच से भरपूर ऐसे वीडियो इंटरनेट मीडिया पर खूब देखे और पसंद किए जाते हैं। बस यहीं से इन युवाओं का हौसला बढ़ जाता है। फलस्वरूप देखा-देखी और परस्पर होड़ में इर्द-गिर्द के युवा भी तरुणाई के जोश में ऐसे वीडियो बनाने के लिए प्रेरित होते हैं, इस बात से बेखबर कि उनकी जरा सी गलती से जान पर आ बन सकती है।
एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि बहुप्रसारित हुए इन वीडियो में से ज्यादातर पुराने हैं, लेकिन हालिया प्रकाश में आने पर कार्रवाई करना उनकी मजबूरी है। पुलिस के सम्मुख एक मजबूरी और भी है कि आखिर स्टंटबाज का चालान वह किस धारा में करे? उच्च अधिकारियों के संज्ञान में आने पर इसका रास्ता भी कुछ यूं निकाला गया कि सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे सो अब गाड़ी को सीज करके स्टंटबाज का चालान धारा 151 के तहत किया जा रहा है। पुलिस इस बात की भी चिंता कर रही है कि युवाओं का भविष्य कच्ची उम्र में खराब न होने पाए, कम से कम हल्की धारा होने के कारण उनका भविष्य बिगड़ने से बच जाएगा। गौतमबुद्ध नगर के पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह कहते हैं, ‘इंटरनेट मीडिया की रील्स अब प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया स्पेस पर भी अपना अधिपत्य स्थापित करने का प्रयास कर रही हैं। विचार होना चाहिए कि किस तरह के रोल माडल हम युवा वर्ग के सम्मुख प्रस्तुत करना चाहते हैं? कैसी दिशा हम अपने भविष्य के जिम्मेदार नागरिकों को दिखाना चाहते हैं? कानून तो अपना कार्य सतत कर रहा है और करता रहेगा।’