उत्तर प्रदेशराज्य

जंतर मंतर पर किसानो की संसद

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :दिल्ली में देश की संसद से सिर्फ आधा किलोमीटर दूर जंतर-मंतर है। यहां 22 जुलाई से ‘किसान संसद’ शुरू हुई है। दस राज्यों के 200 किसान इस अनोखी संसद में अपने हक-हुकूक के लिए बैठे हैं। सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक तीन सत्र में यह संसद चलेगी। तीनों सत्र के लिए तीन अध्यक्ष (स्पीकर) और उपाध्यक्ष (डिप्टी स्पीकर) चुने गए हैं। प्रत्येक सत्र में बोलने के लिए 90 मिनट का वक्त मिला है। देश की यह ऐसी संसद है, जहां मुद्दा सिर्फ एक है…तीन कृसि कानून रद किए जाएं।

              कानूनों के खिलाफ जंतर-मंतर पर किसान संसद दूसरे दिन भी लगी।

40 संगठनों से रोजाना 5-5 किसान जाएंगे

दिल्ली के गाजीपुर, सिंघु, टीकरी बॉर्डर पर पिछले आठ महीने से धरना दे रहे किसानों के कुल 40 संगठन हैं। इन संगठनों को मिलाकर संयुक्त किसान मोर्चा बना है। मोर्चा ने प्रत्येक संगठन से 5-5 किसान लिए हैं जो रोजाना बदल-बदलकर ‘किसान संसद’ में जाएंगे। पहले दिन सभी संगठनों के मुखिया व चार-चार किसान गए। दूसरे दिन यानि शुक्रवार को भी 40 संगठनों के प्रमुख पदाधिकारियों को जंतर-मंतर पर भेजा गया। 9 अगस्त तक 200 किसानों के चयन के लिए यही रोटेशन प्रक्रिया चलती रहेगी। वैसे तो संसद का मॉनसून सत्र 13 अगस्त तक चलेगा, लेकिन किसानों को जंतर-मंतर पर बैठने के लिए दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी ने 9 अगस्त तक की परमिशन दी है।

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