उत्तर प्रदेशराज्य

शहर के इन 83 अवैध अपार्टमेंट पर चलेगा बुलडोजर

स्वतंत्रदेश लखनऊलखनऊ शहर के उदयगंज के क्ले क्वॉयर अपार्टमेंट सहित शहर में बने 83 अवैध अपार्टमेंटों को ध्वस्त करने की तैयारी है। एलडीए ने इन सभी में कब्जा खाली करने के लिए 15 दिन का नोटिस दिया है। ये सभी अपार्टमेंट बीते 20 वर्षों के दौरान बने हैं। इनमें लोग रह भी रहे हैं। अवैध निर्माण को लेकर हाईकोर्ट की सख्ती को देखते हुए एलडीए ने ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की तैयारी की है।जिन 81 अवैध अपार्टमेंट को गिराए जाने के लिए एलडीए ने नोटिस जारी किए हैं, वो शहर के अलग अलग इलाकों में बने हैं। एलडीए से इनके मानचित्र पास नहीं हैं। पूर्व में भी एलडीए इनको ध्वस्त करने के आदेश जारी कर चुका है। किसी का ध्वस्तीकरण आदेश साल 2002 का है तो किसी का 2010 और 2012 का, लेकिन तब एलडीए ने कार्रवाई नहीं की।अवैध अपार्टमेंटों को चिह्नित करने का काम एलडीए ने वर्ष 2012 में दायर एक जनहित याचिका के बाद 2014 में किया था। उस समय सूची तो बनी मगर ध्वस्तीकरण नहीं किया गया। जानकारों का कहना है कि उस समय एलडीए ने कागजी खानापूरी के लिए उदयगंज के क्ले स्क्वॉयर अपार्टमेंट में कुछ निर्माण तोड़ा था। हालांकि इसके बाद फिर कोई कार्रवाई नहीं की।

अब गोमती नगर के विभूति खंड में एक बिल्डिंग में अवैध निर्माण के मामले में हाईकोर्ट ने सख्त नाराजगी जताई है। एलडीए अफसरों को अब कार्रवाई का डर सता रहा है। इसी डर में करीब 10 साल पहले बनी अवैध अपार्टमेंटों की सूची फिर से निकाली गई है। इन्हें फिर से ध्वस्तीकरण के नोटिस जारी किए गए हैं। इनमें कोई अपार्टमेंट चार मंजिला है तो कोई पांच से छह मंजिला।

फ्लैट खरीददारों को नहीं मिलेगा कोई मुआवजा

जिन अपार्टमेंट को एलडीए ढहाएगा, उनमें रहने वाले के लिए एलडीए कुछ नहीं करेगा। न तो उनको कोई मुआवजा दिया जाएगा, न ही विस्थापित के तौर पर कोई जगह रहने के लिए दी जाएगी। एलडीए के एक अफसर ने कहा कि यह अवैध बिल्डिंग का मामला है। इसके लिए वो जिम्मेदार हैं जिन्होंने फ्लैट बनाकर बेचे और खरीदे। जो रह रहे हैं वह उस बिल्डर से बात करें, जिससे फ्लैट खरीदा है।

800 फ्लैटों में रहने वालों पर आफत
एलडीए ने जो 83 अपार्टमेंट अवैध घोषित किए हैं, उनमें करीब 800 फ्लैट हैं, जिनमें परिवार रह रहे हैं। ऐसे में एलडीए का नोटिस 800 परिवारों के लिए आफत है। उनका पैसा तो डूबेगा ही, आशियाना भी छिन जाएगा।

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