उत्तर प्रदेशराज्य

गरीब बच्चों को सहारा देने में उत्तर प्रदेश का ये शहर अव्वल

स्वतंत्रदेश,लखनऊआर्थिक तंगी से जूझ रहे परिवारों के बच्चों की पहचान कर उन्हें मदद पहुंचाने में वाराणसी प्रदेश में नंबर वन हो गया है। केंद्र सरकार की स्पॉसरशिप योजना के तहत इस जिले से सर्वाधिक 3512 बच्चों को चिह्नित किया गया है। इनमें से 593 बच्चों को चार हजार रुपये प्रति महीने की आर्थिक मदद के लिए जिला स्तरीय कमेटी की हरी झंडी मिल गई है। साथ ही और बच्चों की भी तलाश की जा रही है। 

जोखिमपूर्ण परिस्थितियों में जीवन यापन करने वाले परिवारों के बच्चों की देखभाल और आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए जिला प्रशासन के विभिन्न विभागों को लगाया गया है। कैंप के साथ ही घर-घर जाकर सर्वे कर 18 वर्ष तक की उम्र के 3512 बच्चों को चिह्नित किया गया है। जिला प्रोबेशन अधिकारी सुधाकर शरण पांडेय ने कहा कि योजना का क्रियान्वयन ऑफलाइन होने के कारण विभाग के पास दूसरे और तीसरे नंबर के जिलों का रिकॉर्ड नहीं है। जरूरी दस्तावेज के साथ पात्र लाभार्थी जिला बाल संरक्षण इकाई या जिला प्रोबेशन अधिकारी के यहां आवेदन कर सकते हैं।

ये हैं पात्रता शर्तें

  • ऐसे बच्चे, जिनके पिता की मृत्यु हो गई हो। मां तलाकशुदा या परिवार से परित्यक्त हो।
  • जिनके माता-पिता या उनमें से कोई एक जानलेवा या गंभीर बीमारी से ग्रसित हो।
  • ऐसे बच्चे जो कानून से संघर्ष कर रहे हों। जो बेघर हों, या विस्थापित परिवार के साथ रह रहे हों।
  • जिन्हें बाल तस्करी, बाल विवाह, बाल भिक्षा वृत्ति या बालश्रम से मुक्त कराया गया हो।
  • जो प्राकृतिक आपदा के शिकार हों, दिव्यांग या घर से भागे हुए हों।
  • माता-पिता या उनमें से कोई एक जेल में निरुद्ध हों। ऐसे बच्चे, जो एचआईवी एड्स से प्रभावित हों।
  • ऐसे बच्चे, जिनके माता-पिता आर्थिक, शारीरिक या मानसिक रूप से देखभाल में असमर्थ हों।

अभिभावक की वार्षिक आय

  • ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतम 72 हजार रुपये
  • शहरी क्षेत्रों में अधिकतम 96 हजार रुपये



कोविड काल के 2342 अनाथ बच्चे मिले
कोविड के कारण माता-पिता या उनमें से किसी एक को खो चुके 357 बच्चे चिह्नित किए गए हैं। इनमें से 10 बच्चों के माता-पिता दोनों की कोविड से मौत हो गई। ऐसे बच्चों को चार हजार रुपये महीने की मदद दी जा रही है। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत यह धनराशि दी जाती है। कोविड के दौरान अन्य बीमारियों से जान गंवाने वाले माता-पिता के 1985 में 1446 बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना सामान्य के तहत 2500 रुपये प्रतिमाह की मदद के लिए स्वीकृति मिल गई है।

Related Articles

Back to top button