उत्तर प्रदेशराज्य

शातिरों का एक और कारनामा

स्वतंत्रदेश,लखनऊ : जीएसटी चोरी थमने का नाम नहीं ले रही है। शातिरों ने इस बार एक और कारनामा कर दिखाया। वाहन को ट्रैक न किया जा सके इसके लिए बिना रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टैग और ई वे बिल के करीब 12 लाख का पान मसाला भेजा गया, लेकिन रायबरेली रोड पर धर लिया गया। टैक्स के साथ जुर्माने के अलावा RFID का भी पैसा भुगतना पड़ा। करीब 16 लाख से अधिक सरकार के खाते में जमा कराया गया। ट्रक संख्या एचआर55एक्स-3322 पर बिल्टी के आधार पर करीब 12 लाख का पान मसाला बुक कर दिल्ली से बिहार के लिए रवाना किया गया। जानकारी मिलते ही एडिशनल कमिश्नर के निर्देश पर ज्वाइंट कमिश्नर अखिलेश कुमार सिंह ने असिसटेंट कमिश्नर घनश्याम द्विवेदी और टीम के साथ फील्डिंग लगा दी।

   ज्वाइंट कमिश्नर ने बताया कि ट्रक की ट्रैकिंग न हो सके इसके लिए वाहन पर आरएफआईडी टैग नहीं लगवाया गया था।

ज्वाइंट कमिश्नर ने बताया कि ट्रक की ट्रैकिंग न हो सके इसके लिए वाहन पर आरएफआईडी टैग नहीं लगवाया गया था। बिना ई वे-बिल और आरएफआईडी टैग के वाहन ग्रामीण रूटों का सहारा लेते हुए राजधानी लखनऊ पहुंच गया। रायबरेली रोड पर ट्रक को रोक लिया गया। जांच के दौरान ट्रक चालक कोई भी प्रपत्र नहीं उपलब्ध करा सका। गाड़ी को कार्यालय ले आया गया। साक्ष्य जुटाए जाने के बाद साफ तौर पर कर चोरी का मामला सामने आया। मय जुर्माना टैक्स वसूला गया। करीब 15,85,000 रुपये कर और जुर्माने का जमा कराया गया। वहीं आरएफआईडी टैग न लगे होने का अलग से 25,000 रुपया बतौर जुर्माना वसूल किया गया।

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