दूसरे राज्यों को यूपी से मिल रही कड़ी टक्कर
स्वतंत्रदेश लखनऊ:पूर्व मुख्य सचिव अतुल कुमार गुप्ता कहते हैं कि विकास एक सतत प्रक्रिया तथा साधन है जिसके लिए राजनीतिक तथा नीतिगत सोच का स्थायित्व जरूरी है। विकास के दूरगामी निर्णयों के क्रियान्वयन के लिए आवश्यक है कि राजनीतिक नेतृत्व में स्थिरता हो और विकास के प्रति दृष्टिकोण में भी समानता हो। यूपी में हाल में सम्पन्न हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम दशकों में ऐतिहासिक हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में दोबारा बनी सरकार के प्रथम 100 दिन पूरे होने पर इस स्थायित्व और निरंतरता का महत्व प्रदेशवासियों को स्पष्ट रूप से दिख रहा है।

सरकार इस तथ्य के प्रति संवेदनशील है कि यूपी भारत का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य होने के साथ ही देश की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। इस राज्य में होने वाला आर्थिक, औद्योगिक और राजनीतिक घटनाक्रम पूरे देश के भविष्य पर दूरगामी प्रभाव डालता है।
देश के पांच सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली अर्थव्यवस्था के राज्यों में भी यूपी का विशिष्ट स्थान है। यह राज्य हैं महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, और गुजरात। राष्ट्रीय कृषि उत्पादन के सकल मूल्य वर्धित (ग्रॉस स्टेट वैल्यू-एडेड या जीएसवीए) में उत्तर प्रदेश का योगदान लगातार बढ़ रहा है और वर्ष 2020-21 में यह 26 प्रतिशत था।