आगरा में भूमाफिया के आगे पस्त बुलडोजर
स्वतंत्रदेश, लखनऊआगरा में भूमाफिया के आगे प्रशासन का बुलडोजर पस्त है। कब्जा कर जमीन पर हुए अतिक्रमण व अवैध निर्माण ध्वस्त नहीं कर सका। जोंस मिल में पुलिस, नजूल, सिंचाई, नगर निगम की बेशकीमती जमीन पर भूमाफिया काबिज हैं। बाग फरजाना में भूमाफिया ने कब्रिस्तान घेर रखा है। नाथ का बाग में बिल्डिंग खड़ी हो गई हैं।
जिले में 44 भूमाफिया घोषित हैं। जीवनी मंडी स्थित जोंस मिल में भूमाफिया और कब्जेदारों की सांठगांठ से 2596 करोड़ रुपये मूल्य की 100 बीघा से अधिक भूमि घिर गई। बाग फरजाना में चर्च के पास 20 बीघा से अधिक सरकारी भूमि पर चाहर बंधु काबिज हैं। तीन चाहर बंधु भूमाफिया घोषित हैं।नाथ का बाग प्रकरण में रवि बंसल सहित आधा दर्जन भूमाफिया जेल की हवा खा चुके हैं। बाईंपुर में यमुना किनारा, सिकंदरा और मोती महल के पास नजूल भूमि पर भूमाफिया का कब्जा है। इनके अलावा 30 से अधिक भूमाफिया ऐसे हैं जिन्होंने निजी जमीनों पर कब्जा कर लिया है। देहली गेट निवासी सुशील गोयल पर एडीए की भूमि खुर्दबुर्द करने का आरोप है।
जिला स्तरीय एंटी भूमाफिया टास्क फोर्स गठित हुए पांच साल बीत गए। मगर, टास्क फोर्स एक इंच भूमि किसी भूमाफिया से खाली नहीं करा सकी। कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद प्रशासन ने कार्रवाई का जिम्मा पुलिस पर डाल दिया। जिसके बाद से भूमाफिया पुलिस और प्रशासन की लचर कार्यशैली से जमीन पर काबिज हैं।
एडीएम प्रशासन अजय कुमार सिंह का कहना है कि भूमाफिया के कब्जे में अधिकांश भूमि निजी है। निजी भूमि का निर्णय सिविल कोर्ट से होता है। मामले में अदालतों में विचाराधीन हैं। सरकारी भूमि खाली कराई जाएगी। इसके लिए सभी तहसीलों के एसडीएम को पत्र भेजा है।
नगला चंदन में अवैध कॉलोनी ध्वस्त
खेतों में अवैध कॉलोनियां बन रही हैं। सोमवार को आगरा विकास प्राधिकरण ने नादऊ के नगला चंदन में प्रहलाद सिंह और सेठ धनपाल सिंह ने रमण बिहारी कोल्ड स्टोर के पीछे अवैध कॉलोनी बनाई। जहां सड़क व दीवार बनाकर प्लाॅट काटे जा रहे थे। निर्माण रोकने का नोटिस देने के बाद भी प्रहलाद सिंह व सेठ धनपाल ने मानचित्र स्वीकृत नहीं कराया। प्रवर्तन दल सोमवार को बुलडोजर लेकर पहुंचा। बुलडोजर से अवैध कॉलोनी ध्वस्त की गई।