देश दुनिया को आकर्षित कर रहा अयोध्या का नया अध्याय
स्वतंत्रदेश ,लखनऊधर्म, संस्कृति के साथ राजनीति की धुरी मानी जानी वाली अयोध्या का नया अध्याय सबको आकर्षित करने वाला है। साल 2024 में रामभक्तों का इंतजार खत्म होने को है। 22 जनवरी को रामलला की प्राणप्रतिष्ठा होने जा रही है। राममंदिर के लिए पीढि़यों ने संघर्ष किया।राममंदिर का निर्माण पांच सौ साल की प्रतीक्षा, संघर्ष और आंदोलनों का नतीजा है।नवंबर 2019 को राममंदिर के हक में फैसला आने के बाद न सिर्फ रामलला की टेंट से आजादी हुई बल्कि अयोध्या का भी वनवास खत्म हुआ। पांच अगस्त 2020 को पीएम नरेंंद्र मोदी ने जिस दिन राममंदिर की आधारशिला रखी उसी दिन अयोध्या के नवनिर्माण की भी नींव पड़ गई।
नौ नवंबर 2019 से पहले की अयोध्या संतप्त सी नजर आती थी। साल के कुछेक महीनों को छोड़कर सन्नाटा पसरा रहता था। विवाद के चलते अयोध्या आने से देश-दुनिया के लोग कतराते थे।
रोजी-रोजगार का संकट था, मेलों पर अयोध्या की अर्थव्यवस्था निर्भर थी, लेकिन तब की अयोध्या और अब की अयोध्या में जमीन-आसमान का अंतर है। आज अयोध्या में श्रद्धालुओं व पर्यटकों का रेला है। रोजगार की भरमार है, सुविधाओं का अंबार है।