उत्तर प्रदेशराज्य

फिर चर्चा में आजमगढ़ का सरायमीर

स्वतंत्रदेश,लखनऊ: प्रदेश का आजमगढ़ जिला आतंकी कलेक्शन को लेकर एक बार फिर से चर्चा में है। गुजरात के अहमदाबाद में 2008 के सीरियल ब्लास्ट केस में विशेष अदालत ने 49 दोषियों के लिए सजा का ऐलान करते हुए 38 को फांसी और 11 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इनमें आजमगढ़ के सरायमीर का अबू बशर भी है। इस मामले में बशर के साथ आजमगढ़ के अन्य आरोपी भी थे, लेकिन इनको बरी किया गया है।

आजमगढ़ के सरायमीर क्षेत्र के बीनापार निवासी अबू बशर को फांसी की सजा दी गई है। आजमगढ़ मॉड्यूल के सबसे खूंखार अबू बशर को उत्तर प्रदेश से गुजरात लाने के लिए गुजरात सरकार को स्पेशल एयरक्राफ्ट भेजना पड़ा था। इस केस में आजमगढ़ के कुछ आरोपित को पहले बरी भी किया गया है। आजमगढ़ जिले में सरायमीर थाना क्षेत्र के बीनापार गांव के निवासी अबू बशर को अहमदाबाद सीरियल बम धमाकों का मास्टर माइंड माना गया था। संजरपुर के रहले वाले मोहम्मद आरिफ, मोहम्‍मद सैफ के बाज बहादुर, कंधरापुर क्षेत्र के शाहपुर के शकीब निसार, बदरका चौकी के शैफुर रहमान का नाम आतंकियों में शामिल था। इन सभी में से शाकिब निसार, हबीब अहमद, जाकिर शेख को सुबूत के अभाव मे पहले बरी किया जा चुका है।

अहमदाबाद में 26 जुलाई 2008 को सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे। इस घटना में 56 लोगों की मौत हुई थी, इसके साथ ही 200 लोग घायल हो गए थे। 21 सीरियल ब्लास्ट ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इन धमाकों की गूंज से हर कोई स्तब्ध था। इस मामले में सत्र न्यायालय के न्यायाधीश एआर पटेल ने 8 फरवरी को फैसला सुनाते हुए 49 आरोपियों को दोषी करार दिया था। अदालत ने 77 में से 28 आरोपियों को बरी कर दिया था। एक घंटे के भीतर 21 बम धमाके हुए थे। अहमदाबाद पुलिस ने इस मामले में 20 प्राथमिकी दर्ज की थी। सूरत में भी 15 और एफआईआर दर्ज की गईं थी। इन बम धमाकों में गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी ने सभी आतंकियों की गिरफ्तारी के आदेश भी दिए थे। इस केस में पांच लाख पन्नों का आरोप पत्र पेश किया गया। जिसके बाद विशेष अदालत ने 49 दोषियों के लिए सजा का ऐलान करते हुए 38 को फांसी और 11 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

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