उत्तर प्रदेशराज्य

एसडीएम की आईडी पासवर्ड चोरी

स्वतंत्रदेश,लखनऊ: उपजिलाधिकारी नवाबगंज कार्यालय की गोपनीयता में सेंधमारी हुई है। किसानों की फसल सत्यापन के लिए बनाए गए पोर्टल की आइडी और पासवर्ड चोरी कर बदल दिया गया। यही नहीं चार गांव के किसानों की फसल का फर्जी सत्यापन भी कर धान तौल के लिए अनुमति दे दी गई। फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद राजस्व, खाद्य निरीक्षक सहित पुलिस की टीमों को जांच में लगा दिया गया है।

बाराबंकी में एसडीएम की फसल सत्यापन पोर्टल का आईडी व पासवर्ड चोरी हुआ इसके बाद उनकी आइडी से ही चार गांवों का सत्यापन कर दिया गया। पुलिस लेखपाल नायब तहसीदार व क्षेत्रीय खाद्य निरीक्षक को जांच के दिए गए निर्देश।

तहसील नवाबगंज के सफदरगंज थाना क्षेत्र बघौरा, उद्यौली सहित कई गांवों के किसानों को मानक से अधिक धान तौल के लिए सत्यापन कर दिया गया। एसडीएम ने जब पकड़ा कि मानक से अधिक धान तौल करने के लिए सत्यापन हुआ तो उसकी जांच शुरू करा दी। इस फर्जीवाड़े में राइस मिलर और बिचौलियों की भूमिका संदिग्ध है। किसान बनकर धान तौल कराने के लिए एसडीएम का ही लॉगिन और पासवर्ड इस्तेमाल किया गया। अब इसकी जांच पुलिस, राजस्व, विपणन और पुलिस की टीम कर रही है।

ऐसे होता है सत्यापन के बाद धान तौल : धान तौल कराने के लिए (एफसीएस.यूपी.जीओवी.इन) पर जाकर धान तौलने के लिए पंजीकरण होता है। इसमें कितने बीघा धान की फसल है, कितना क्विंटल धान तौलना है, आधार कार्ड, बैंक पासबुक और खतौनी लगती है। पंजीयन के बाद एसडीएम लेखपाल को गांव भेजकर सत्यापन करवाते हैं कि जिस किसान ने पंजीयन भरा है, उसकी हकीकत क्या है। यह पहली बार हुआ था कि पंजीकरण के बाद एसडीएम की सत्यापन रिपोर्ट लगाई जाए। पहले बिचौलिए किसानों की खतौनी दिखाकर अपना धान तौल करा देते थे। क्रय केंद्रों पर किसानों से अधिक व्यापारियों की ट्रॉलियां लगी रहती थी। इस फर्जीवाड़ा को रोकने के लिए सत्यापन की व्यवस्था बनाई थी।

एसपी बाराबंकी डॉ. अरविंद चतुर्वेदी ने बताया कि स्थानीय लेखपाल ने जनसेवा केंद्र पर अपने आइडी पासवर्ड का प्रयोग किया था। जांच के लिए एक जनसेवा केंद्र संचालक को लाया गया था। एसडीएम और सफदरगंज पुलिस से बात हुई, जिसमें कोई फर्जीवाड़ा अभी तक सामने न आने की बात सामने आई है। एसडीएम को आश्वस्त किया गया है कि अगर कोई साइबर क्राइम हुआ है तो उसका मुकदमा लिखा सकते हैं।

नवाबगंज उपजिलाधिकारी, अभय पांडेय ने बताया कि  23 अक्टूबर को जांच के दौरान एक दो ऐसे किसानों का सत्यापन देखने पर आईडी पासवर्ड से खिलवाड़ की बात सामने आई। जिसके बाद लेखपाल, पुलिस, नायब तहसीलदार और खाद्य निरीक्षक को भेजकर जांच कराई जा रही है।लॉगिन पासवर्ड के हैक होने की बात गलत है।

Related Articles

Back to top button