संसद में गुस्से से लाल हुए अमित शाह
स्वतंत्रदेश ,लखनऊसंसद के शीतकालीन सत्र के दौरान मंगलवार (5 दिसंबर) को जब लोकसभा में जम्मू-कश्मीर से संबंधित दो अहम बिल (विधेयक) पेश किए गए तो कुछ ऐसा हुआ कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह गुस्सा हो गए. इस दौरान कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी और तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद सौगत राय से उनकी तीखी बहस हुई.
शाह ने सौगत राय को यहां तक कह दिया कि दादा आपकी उम्र हो गई है. इसी तरह से मनीष तिवारी से भी अमित शाह की बहस हुई. शाह ने जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023 पेश किया था. चर्चा के लिए शुरू में करीब चार घंटे का समय निर्धारित किया गया था.
“लाल चौक पर ही नहीं, कश्मीर की हर गली में भारत का झंडा”
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, “पहले कश्मीर में पत्थरबाजी की घटनाएं होती थीं. आज ऐसी घटनाएं नहीं होती हैं. आज सिर्फ लाल चौक पर ही नहीं बल्कि कश्मीर की हर गली में भारत का झंडा फहराया जाता है.”
मनीष तिवारी ने संवैधानिकता पर उठाए सवाल
जम्मू-कश्मीर में पुनर्गठन और आरक्षण पर दो संशोधन विधेयकों पर विचार-विमर्श करते हुए, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने अनुच्छेद 370 और 35ए को निरस्त करने की संवैधानिकता पर ही सवाल उठाया.
कांग्रेस सांसद ने 2018 में जारी राष्ट्रपति की उद्घोषणा का जिक्र किया और एक सेक्शन की ओर इशारा किया, जिसमें संविधान के अनुच्छेद 3 के सेक्शन 1 और 2 को समाप्त करने का जिक्र था. मनीष तिवारी ने आरोप लगाया कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का विचार पूर्व राज्य जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की घोषणा में शामिल किया गया था.
अमित शाह ने दिया मनीष तिवारी को जवाब
न्यूज एजेंसी IANS की रिपोर्ट के मुताबिक मनीष तिवारी की टिप्पणियों पर अमित शाह ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उद्घोषणा में सेक्शन एक आवश्यक कदम था, क्योंकि राज्य का बजट पारित करना तभी संभव होगा जब राज्य की विधानसभा भंग हो जाएगी. इसके बाद दोनों के बीच बहस शुरू हो गई. मनीष तिवारी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अनुच्छेद 3 राज्य विधानसभा के कामकाज के बारे में बात नहीं करता है बल्कि यह केवल क्षेत्र के पुनर्गठन के बारे में बात करता है.
“दादा लगता है आपकी उम्र हो गई है”
तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत रॉय ने अनुच्छेद 370 और 35ए को रद्द करने पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने कश्मीर को लेकर जो नारा दिया था वह राजनीतिक नारा था. रॉय का इशारा इस ओर था कि मुखर्जी ने राजनीतिक लाभ के लिए यह नारा दिया था. अभी वह बोल ही रहे थे कि गुस्से में लाल हुए अमित शाह खड़े हुए और कहा, “आपका बयान बेहद आपत्तिजनक है. दादा लगता है आपकी उम्र हो गई है.”
अमित शाह ने कहा, “अमित शाह ने लोकसभा में कहा, ”एक देश में दो प्रधानमंत्री, दो संविधान और दो झंडे कैसे हो सकते हैं? जिन लोगों ने ऐसा किया, उन्होंने गलत किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे ठीक किया. हम 1950 से कहते रहे हैं कि देश में ‘एक प्रधान, एक निशान, एक विधान’ होना चाहिए और हमने ऐसा किया.”
इसके बाद सौगत रॉय ने कहा कि हमारी पार्टी को आपत्ति है. इस पर तुरंत गुस्से में जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि आपकी सहमति-असहमति से कोई फर्क नहीं पड़ता.
सौगत रॉय ने सरकार से अनुच्छेद निरस्त किए जाने के बाद के परिणामों के बारे में पूछा. पश्चिम बंगाल के दमदम से तृणमूल कांग्रेस सांसद ने यह भी शिकायत की कि जम्मू-कश्मीर में लोगों की स्थिति में सुधार नहीं हुआ है. इस चर्चा में एनसीपी (शरद पवार) गुट की सांसद सुप्रिया सुले ने भी भाग लिया.