इंडो-नेपाल बार्डर रोड के निर्माण का रास्ता साफ
स्वतंत्रदेश ,लखनऊलंबे समय से प्रतीक्षारत इंडो-नेपाल बार्डर सड़क के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। इसके लिए भारत सरकार की परियोजना जांच समिति ने सर्वे के लिए अनुमति प्रदान कर दी है। यह सड़क बहराइच जिले में लगभग 63 किलोमीटर लंबी है।सड़क निर्माण से भारत और नेपाल के बीच आवागमन के कई रास्ते तो खुलेंगे ही, साथ ही अंतर राष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो सकेगी। मानव-वन्यजीव, वन संपदा एवं मादक पदार्थों की तस्करी पर भी अंकुश लगाया जा सकेगा। वन संरक्षण संशोधित अधिनियम 2022 के तहत पांच हेक्टेयर से अधिक की भूमि की जांच के लिए भारत सरकार ने पीएससी गठित की है।
इसके नोडल आफिसर अनुपम गुप्त ने जिलाधिकारी के प्रतिनिधि मुख्य राजस्व अधिकारी अवधेश मिश्र, प्रभागीय वनाधिकारी आकाशदीप बधावन के अलावा वन संरक्षक पीलीभीत, दुधवा टाइगर रिजर्व, सोहेलवा टाइगर रिजर्व समेत लखीमपुर, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, महाराजगंज के जिलाधिकारियों एवं प्रभागीय वनाधिकारियों के साथ बुधवार को जूम मीटिंग की।
ठक में इंडो-नेपाल बार्डर के लोक निर्माण विभाग, सशस्त्र सीमा सुरक्षा बल के उच्चाधिकारी भी शामिल हुए। इस बैठक में अनुपम गुप्त ने वन विभाग, एसएसबी एवं पीडब्ल्यूडी की तकनीकी समिति को संयुक्त सर्वे करने की अनुमति प्रदान कर दी। सड़क निर्माण में वन विभाग की 320 हेक्टेयर भूमि पीडब्ल्यूडी को हस्तांतरण हो जाएगी।
पीलीभीत के पलिया से लखीमपुर के दुधवा होते हुए बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर तथा महाराजगंज जाने के लिए एक मार्ग सुलभ होगा और दूरी भी काफी कम हो जाएगी। इस सड़क के निर्माण से एसएसबी को अपनी सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने में काफी सहायता मिलेगी।