उत्तर प्रदेशराज्य

आगरा के दयालबाग सत्संगियों पर बड़ा खुलासा

आगरा के दयालबाग में सत्संगियों के बवाल-हिंसक झड़प-पुलिसिया लाठीचार्ज से उठा बवंडर भले ही शांत हो चला हो। लेकिन सन्नाटे में पसरे तनाव की आंच आसानी से महसूस की जा सकती है।

सारे घटनाक्रम की धुरी रही राधास्वामी सत्संग सभा के दयालबाग परिसर में करीब 500 मीटर अंदर पहुंचने पर सत्संगियों के 7वें गुरु परमपुरुष पूरनधनी डॉ. एमबी लाल साहब जी महाराज की समाधि स्थल मिली। सत्संगियों का आरोप है कि बुलडोजर समाधि स्थल पर भी चला है। हमें पता चला कि सभा के गेट से लेकर समाधि स्थल के बीच में पुलिस और सत्संगियों के बीच जबरदस्त झड़प हुई थी।

सत्संगियों की दलील है कि दयालबाग में राधास्वामी सत्संग सभा की शुरुआत 1915 में हुई। यहां अधिकारियों-नेताओं से लेकर बड़े चेहरे आमद दर्ज करते रहे हैं, लेकिन अब अचानक सब बदल गया सब कुछ अवैध करार दे दिया गया। वहीं दूसरी तरफ स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि सत्संगियों ने सरकारी जमीनों के साथ, वनभूमि और गांव के किसानों की 153 एकड़ खेती की जमीन पर भी जबरन कब्जा कर लिया।

56 साल पुराना शूटिंग रेंज, 20 साल पुराना गेट एक रात में अवैध हो गया
सत्संगियों ने दावा किया कि शनिवार को पुलिस और प्रशासन की टीमों ने दयालबाग में समाधि स्थल पर जाने वाले रास्ते का गेट तोड़कर हटा दिया और अपने साथ ले गए। यह गेट 2004-05 से ही यहां पर था। इसके बाद प्रशासन समाधि स्थल तक पहुंचा। जहां उन्होंने महाराज जी की समाधि भी तोड़ दी। गेट के पास बने शूटिंग रेंज की दीवार को भी प्रशासन ने गिरा दिया।

सत्संगियों का दावा है कि शूटिंग रेंज वाली दीवार 1967 में बनी थी। प्रशासनिक अधिकारी भी आकर कई बार यहां शूटिंग की प्रैक्टिस कर चुके हैं। अगर यह दीवार तब अवैध नहीं थी तो अब कैसे हो गई?

दयालबाग और बसेरा गांव के बीच में पड़ता है समाधि स्थल
सत्संगियों के अनुसार, कई सालों से समाधि स्थल उनकी आस्था का केंद्र रहा है। दयालबाग में रहने वाले सत्संगियों का निधन होने के बाद उनका दाह संस्कार समाधि स्थल के पास ही होता है। उसके बाद राख के कुछ हिस्से को महाराज जी की समाधि के पास डाल दिया जाता है। लेकिन शनिवार को हुई कार्रवाई के दौरान प्रशासन ने इस समाधि स्थल को तोड़ दिया है। हमारी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाया गया।

सत्संगियों के अनुसार, प्रशासन दयालबाग से बसेरा के इलाके को जोड़ना चाहता है। इसीलिए ये पूरी कार्रवाई की गई है। उन्होंने प्रशासन पर आरोप लगाया कि प्रशासन, भूमाफियाओं और बिल्डरों के साथ मिला हुआ है। उनसे पैसा लेकर ये कार्रवाई की जा रही है। जबकि वर्षों से ये पूरी जमीन उनके मालिकाना हक में है।

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