स्कूल के बाहर नहीं सुरक्षित बच्चे
स्वतंत्रदेश , लखनऊलखनऊ के महानगर इलाके में एक निजी स्कूल के बाहर नाले पर रखे पत्थर में बच्चे के पैर फसने की घटना से ये साबित हो गया कि बच्चों के लिए पग-पग पर कांटे हैं। रोड पर किसी सूरत में बच्चे सुरक्षित नही है बावजूद इसके जिम्मेदार बेपरवाह हैं। संवेदनशीलता की भारी कमी हैं। ऐसे में अभिभावक बच्चों को राम भरोसे स्कूल भेज रहे हैं।महानगर में बुधवार को मोंटफोर्ट स्कूल के बाहर मासूम काजिम का दायां पैर नाले के ऊपर रखे पत्थरों के बीच फंस गया। बच्चे ने पहले खुद पैर निकालने का प्रयास किया। असफल रहने पर मदद मांगी। आधे घंटे से ज्यादा समय तक कड़ी मशक्कत के बाद पैर निकाला गया। इस दौरान उसे काफी खरोंचें और चोटें आई हैं। इस बीच किसी ने इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।
महानगर गोल मार्केट के पास स्थित मोंट फोर्ट स्कूल की जूनियर शाखा की छुट्टी के बाद बच्चे घर जा रहे थे। तभी काजिम नाम के बच्चे का पैर गहरे नाले के ऊपर रखे दो पत्थरों के बीच फंस गया। उसकी चीख पुकार सुनकर आसपास मौजूद लोग और स्कूल के कर्मचारी पहुंचे।
बच्चे का पैर निकालने का प्रयास असफल रहा तो हथौड़ी से पत्थर तोड़ा जाने लगा। पत्थर पर हथौड़ी पड़ने पर बच्चा चीख पड़ता। इस पर हाथ से पत्थर हटाने की कोशिश की गई। नाकाम रहने पर धीरे-धीरे हथौड़ी से पत्थर तोड़ा गया, तब उसका पैर निकला। बाद में बच्चे को सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां एक्स रे कराया गया पर कोई गंभीर चोट न होने के कारण उसे घर भेज दिया गया।घटना के बाद लोगों ने नगर निगम के खिलाफ नाराजगी जताई। लोगों का आरोप है कि नाले ठीक तरह से ढंके नहीं गए हैं। जगह-जगह खुले हैं, जिनमें बच्चा व बड़ा कोई भी गिर सकता है। जहां पत्थर रखे गए हैं, उनके बीच इतनी जगह है कि कभी भी हादसा हो सकता है।स्कूल के बाहर काफी समय से नाले पर पत्थर टेढ़े- मेड़े रखे हुए हैं। रोजाना छुट्टी के समय बड़ी संख्या में बच्चे और अभिभावक बचते-बचाते इनके ऊपर से गुजरते हैं। बारिश के दौरान आसपास कीचड़ भी जमा हो जाता है जिससे स्कूली बच्चों को काफी असुविधा का सामना भी करना पड़ता है।