उत्तर प्रदेशलखनऊ

आफत बना यह नया घातक वायरस

स्वतंत्रदेश,लखनऊ : कोरोना वायरस ने मरीजों की प्रतिरोधक क्षमता को तेजी से खत्म किया, जिससे ब्लैक फंगस जैसी बीमारी ने दर्जनों की जान ले ली। अब फंगस थम गया है, लेकिन पोस्ट कोविड मरीजों के लिए साइटोमेगलोवायरस यानी सीएमवी घातक बनकर उभरा है। यह वायरस भी कमजोर इम्युनिटी वालों पर हमला करता है। पेट दर्द, स्टूल में खून, थकान, बुखार, गले में खराश, सूजन और आने समेत कई अन्य लक्षण उभरते हैं।

कोरोना वायरस ने मरीजों की प्रतिरोधक क्षमता को तेजी से खत्म किया जिससे ब्लैक फंगस जैसी बीमारी ने दर्जनों की जान ले ली।

मेडिकल कालेज के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डा. टीवीएस आर्य का कहना है कि सीएमवी कोई नया वायरस नहीं है, बल्कि यह ब्लैक फंगस की तरह मौकापरस्त हमलावर है, जो कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वालों को निशाना बनाता है। हरपीज वर्ग का यह वायरस 40 साल से ज्यादा उम्र के 80 फीसद लोगों के शरीर में सुस्त पड़ा रहता है। कोरोना संक्रमण में गंभीर निमोनिया से ग्रसित और स्टेरायड की ओवरडोज लेने वाले मरीजों के लिए ब्लैक फंगस खतरा बना। अब सीएमवी भी घातक बन रहा है।

जून माह से कोरोना कमजोर पड़ा, और धीरे-धीरे ब्लैक फंगस भी थम गया। जिले में 300 से ज्यादा फंगस मरीज मिले, जबकि सालभर में दो से पांच मरीज ही मिलते हैं। जुलाई के पहले सप्ताह में दिल्ली के अस्पतालों में भर्ती पांच मरीजों में साइटोमेगलोवायरस संक्रमण मिला। हिस्ट्री से पता चला कि इनमें भी कोरोना संक्रमित रह चुके हैं। मेडिकल कालेज के डा. तरुणपाल ने बताया कि साइटोमेगलोवायरस वायरस संक्रमित व्यक्ति के मूत्र, लार, थूक व अन्य तरल माध्यमों से फैलता है। मेरठ में कोई केस नहीं मिला है, लेकिन प्रशासन हाई अलर्ट है। हरपीज फैमिली का यह वायरस 80-90 फीसद आबादी के बीच बना रहता है। जिनकी प्रतिरोधक क्षमता बेहद कम हुई, उन्हें संक्रमित कर सकता है।

कोरोना मरीजों की लंबी भर्ती, स्टेरायड देने एवं सीआरपी, डी-डाइमर और फर्टिनिन बढ़ने से प्रतिरोधक क्षमता गिरी। किडनी ट्रांसप्लांट, कैंसर और शुगर के मरीजों की प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, जिन्हें साइटोमेगलोवायरस संक्रमण लग सकता है। यह, किडनी, ब्रेन, पेट व आंखों पर घातक असर छोड़ सकता है।

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