उत्तर प्रदेशराज्य

ज्ञानवापी सर्वे की तारीख बढ़ाने समेत दो मामलों में सुनवाई आज

स्वतंत्रदेश, लखनऊ:भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने ज्ञानवापी के सर्वे और उसकी रिपोर्ट तैयार करने के लिए आठ सप्ताह (56 दिन) का समय मांगा है। इस पर जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में आज सुनवाई होनी है। साथ ही मां श्रृंगार गौरी के मूल वाद में लंबित अन्य आवेदनों पर भी सुनवाई होगी। इसमें सील वजूस्थल के पास पाए गए शिवलिंग जैसी आकृति के सर्वे की मांग शामिल है। अंजुमन की तरफ से सर्वे रोके जाने के आवेदन पर भी सुनवाई होनी है। साथ ही सर्वे में मिल रहे धार्मिक अवशेष व चिन्हों को सुरक्षित व संरक्षित करने की राखी सिंह के आवेदन पर भी सुनवाई होगी।ज्ञानवापी सर्वे के लिए अतिरिक्त समय मांगने के लिए एएसआई के आवेदन पर बीते सोमवार को ही अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने आपत्ति दाखिल की थी। जबकि गुरुवार को सर्वे करने के लिए पहुंची एएसआई टीम को रोक दिया गया।  शुक्रवार सुबह भी एएसआई की टीम ज्ञानवापी परिसर पहुंची लेकिन सर्वे का काम नहीं हो रहा है।

मसाजिद कमेटी बोली- मस्जिद के गिरने का खतरा 

जिला जज की अदालत ने ज्ञानवापी सर्वे व उसकी रिपोर्ट दाखिल करने के लिए दो सितंबर की तिथि तय की थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। दो सितंबर को एएसआई ने अदालत से ज्ञानवापी का सर्वे 56 दिन आगे बढ़ाने की अनुमति मांगी। अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने दाखिल आपत्ति में कहा कि मलबा हटाने और एक जगह इकट्ठा करने से मस्जिद के गिरने का खतरा है।

एएसआई ने जीपीआर विधि से सर्वे का हलफनामा दिया था। मगर, मस्जिद के नीचे तहखाना और अन्य जगहों पर खोदाई करके सर्वे किया जा रहा है। तहखाने से मिट्टी निकालकर भवन के पश्चिम में खुली जमीन पर रखी गई है। तीन सितंबर को मिट्टी बाहर भी ले जाई गई। सर्वोच्च न्यायालय ने भी वैज्ञानिक पद्धति और जीपीआर विधि से सर्वे का आदेश दिया था। मगर, एएसआई ने ऐसा नहीं किया।

कमेटी के मुताबिक दो सितंबर को जिला जज की अदालत में जो प्रार्थना पत्र दिया गया है, उसमें स्वीकार किया गया है कि मलबा हटाकर सर्वे करने में समय लगेगा। अदालत की अनुमति के बगैर ही मिट्टी की खोदाई करके सर्वे किया जा रहा है। एएसआई को पहले भी चार सप्ताह का समय दिया जा चुका है। मगर, सर्वे की कार्रवाई को विलंबित करने के उद्देश्य से दो सितंबर को नया प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया।

ऐसे में समयसीमा बढ़ाने का प्रार्थना पत्र को निरस्त किया जाना चाहिए। यहां बता दें ज्ञानवापी स्थित मां शृंगार गौरी के नियमित दर्शन और अन्य विग्रहों के संरक्षण की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान जिला जज की अदालत ने एएसआई सर्वे का आदेश दिया था। न्यायालय के आदेश पर सर्वे की मियाद की पूरी होने के बाद एएसआई ने रिपोर्ट दाखिल करने के लिए आठ सप्ताह का समय और मांगा है।

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