उत्तर प्रदेशलखनऊ

एडेड विद्यालयों ने खड़े किए हाथ

स्वतंत्रदेश ,लखनऊ :माध्यमिक विद्यालयों में सत्र 2020-21 की कक्षाएं तीन दिन ही चली हैं। इतने दिनों में ही राजधानी स्थित 98 एडेड विद्यालयों के प्रबंधन ने सैनिटाइजेशन और कोविड-19 प्रोटोकॉल के पालन कराने में लगने वाले खर्च को उठाने से हाथ खड़े कर दिए हैं। इन विद्यालयों के प्रिंसिपलों का कहना है कि अधिक दिन विद्यालयों में इस तरह से कक्षाएं और चलती रहीं तो वह सैनिटाइजेशन, मास्क, हैंड वॉश और साबुन का खर्च नहीं उठा पाएंगे। प्रिंसिपलों का कहना है कि वह अपने वेतन और शिक्षकों से आर्थिक मदद लेकर कक्षों का सैनिटाइजेशन करा रहे हैं। वह अधिक दिन तक यह खर्च नहीं झेल पाएंगे। इसके लिए शिक्षा विभाग अथवा शासन को अगल से बजट जारी करना चाहिए।

प्रिंसिपलों का कहना है कि वह अपने वेतन और शिक्षकों से आर्थिक मदद लेकर कक्षों का सैनिटाइजेशन करा रहे हैं। वह अधिक दिन तक यह खर्च नहीं झेल पाएंगे।

नादान महल रोड स्थित एमडी शुक्ला इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल एचएन उपाध्याय का कहना है कि हाल में ही स्कूल खुलने से पहले मंडलायुक्त के साथ वेबीनार के माध्यम से बैठक हुई थी। एडेड स्कूलों के पास अतिरिक्त बजट नहीं होता है। सैनिटाइजेशन और कोविड-19 प्रोटोकॉल में लगने वाले खर्च के लिए मंडलायुक्त से कहा था। इस पर उन्होंने डीआइओएस डॉ. मुकेश कुमार सिंह से व्यवस्था कराने के लिए कहा था। पर अबतक डीआइओएस द्वारा किसी भी प्रकार की सहायता नहीं दी गई। चार कक्षों में कक्षाएं संचालित हो रही हैं। अपने वेतन से सैनिटाइजेशन करा रहे हैं। वहीं, क्वीन्स कॉलेज के प्रिंसिपल का कहना है कि वह शिक्षकों की मदद से सैनिटाइजेशन का काम करा रहे हैं। यही हाल राजधानी के 96 अन्य एडेड विद्यालयों का है।

कोविड-19 सुरक्षा के मद्देनजर प्रत्येक पाली के बाद विद्यालय को सैनिटाइज कराना है। इसके साथ ही विद्यालयों को मास्क, हैंड वॉश समेत अन्य वस्तुओं की व्यवस्था करनी है। इसमें एक दिन का खर्च एक से डेढ़ हजार रुपये है। किसी भी एडेड और राजकीय विद्यालय को इसका बजट अभी तक नहीं दिया गया है। ऐसे में रोजाना दो पालियों में कक्षाओं को सैनिटाइज कराना मुमकिन नहीं है। फिरहाल शिक्षक और प्रिंसिपल मिलकर यह खर्च उठा रहे हैं, पर अधिक दिन तक यह नहीं चल सकेगा। शिक्षा विभाग को इसके लिए बजट जारी करना होगा।

 

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