चार महीने में रोडवेज की छह हजार बसें हो जाएंगी हाईटेक
स्वतंत्रदेश , लखनऊ:चार महीने में रोडवेज की छह हजार बसें हाईटेक हो जाएंगी। एक ओर उनमें पैनिक बटन लग जाएंगे, दूसरी ओर ट्रेन की तर्ज पर एप के जरिए बसों की लोकेशन पैसेंजरों को मिलेगी। बसों की आवाजाही एक क्लिक पर उपलब्ध होगी। इसके लिए जापान की कंपनी ने काम शुरू कर दिया है। मुख्यालय पर कमांड सेंटर बनाया जाएगा, जहां से बसों की ट्रैकिंग होगी।परिवहन निगम की बसों में लाइव ट्रैकिंग डिवाइस व पैनिक बटन लगाने के लिए हाल ही में जापान की कंपनी एनईसी को चिन्हित किया गया है। वित्तीय बिड में चार कंपनियों ने आवेदन किया था, इसमें जापान के अतिरिक्त एक कंपनी सिंगापुर व दो भारत की थीं। परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने इस बाबत जानकारी दी कि निर्भया योजना के अंतर्गत परिवहन निगम की बसों में पैनिक बटन व वीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस लगाई जाएंगी। इससे बसों की लाइव ट्रैकिंग हो सकेगी तथा हादसों पर लगाम लगाने में भी मदद मिलेगी।
वहीं पैनिक बटन से यात्रियों को आपातकालीन मदद मुहैया कराई जा सकेगी। उन्होंने बताया कि इस परियोजना के तहत परिवहन निगम के सौ मुख्य बस स्टेशनों पर बड़े साइज के एलईडी डिस्प्ले पैनल व अनाउंसमेंट सिस्टम लगाए जाएंगे। इसके तहत जापान की कंपनी ने काम शुरू कर दिया है। परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक, आईटी यजुवेंद्र सिंह ने बताया कि रोडवेज के बेड़े में दस हजार के आसपास ऐसी बसें हैं, जिनमें पैनिक बटन व व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस लगाई जानी है। इसमें चार हजार बसें ऐसी हैं, जो अगले छह से आठ महीने में स्क्रैप हो जाएंगी। लिहाजा जापान की कंपनी उन छह हजार बसों में पैनिक बटन व डिवाइस लगाएगी, जिनकी अभी लाइफ है। उनकी मेंटीनेंस का कामकाज भी देखेगी।
हर बस में लगेंगे दस पैनिक बटन
जापान की कंपनी के पदाधिकारियों ने रोडवेज बसों की जानकारी जुटा ली है। रोडवेज की जिन बसों में पैनिक बटन लगाए जाने हैं, उसमें प्रत्येक बस में दस-दस बटन लगाए जाएंगे। पांच बायीं तरफ तथा पांच दाहिनी ओर लगाए जाएंगे। इससे पैसेंजरों को इमरजेंसी में मदद मांगने में आसानी हो सकेगी। पैनिक बटन दबाए जाते ही तत्काल कमांड कंट्रोल को जानकारी मिलेगी तथा नजदीकी पुलिस स्टेशन को भी सूचित कर दिया जाएगा।