उत्तर प्रदेशराज्य

शहरी विकास के लिए शासन ने निकायों से मांगा प्रस्ताव

स्वतंत्रदेश , लखनऊ:नगर निकायों के नवनिर्वाचित महापौर और अध्यक्षों की शपथ ग्रहण की कार्यवाही पूरी होने के बाद अब सरकार शहरी सुविधाओं के विकास को पटरी पर लाने की कवायद में जुट गई है। इसके लिए नगर विकास विभाग ने सभी नगर निकायों से बोर्ड की पहली बैठक बुलाकर उसमें शहरों के विकास से संबंधित प्रस्तावों को मंजूरी दिलाकर शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। शासन ने निकायों से हर हाल में निकायवार प्रस्ताव 20 जुलाई तक उपलब्ध कराने को कहा है ।

इस संबंध में प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात की ओर से सभी नगर आयुक्त और अधिशासी अधिकारियों को दिशा-निर्देश भेजा गया है । जिसमें शहरों में नागरिक सुविधाओं व सेवाओं से जुड़ी महत्वपूर्ण परियोजनाओं के साथ ही शहरों के विकास से संबंधित प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रमुख सचिव ने प्रस्ताव में अमृत 02, स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) 02, मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना, राज्य सेक्टर की योजनाओं और राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम से संबंधित परियोजनाओं को भी शामिल करने को कहा है। निकायों से वित्तीय वर्ष 2023-24 की वार्षिक कार्ययोजना नगर निगम, नगर पालिका परिषद, नगर पंचायतों की बोर्ड से मंजूरी कराके शासन को उपलब्ध कराने को कहा गया है।इसके अलावा प्रमुख सचिव ने पेयजल व्यवस्था, ठोस व तरल अपशिष्ट प्रबंधन के लिए जरूरी प्रावधान करने को भी कहा है। उन्होंने कहा है कि इन परियोजनाओं के अंतर्गत निकाय अंश के रूप में उपलब्ध कराई जाने वाली धनराशि का अनुमान लगाते हुए वित्तीय वर्ष के आय-व्यय में इसे शामिल किया जाए । प्रमुख सचिव ने सभी नगर निगमों, नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों को अपनी-अपनी आय बढ़ाने के लिए भी कार्ययोजना तैयार करने को कहा है । आय बढ़ाने के लिए सुधारात्मक उपायों को लागू करने के साथ ही कर व करेत्तर वसूली में वृद्धि के लिए आधुनिक तकनीकों का प्रयोग करने के भी निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा है कि शहरी आवासों का सर्वेक्षण, यूजर चार्जेज, लाइसेंस शुल्क आदि दरों को पुनरीक्षित किया जाए।

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