स्वतंत्रदेश,लखनऊ: बीते कई चुनावों से लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर बार मुद्दा रहे हैं। एक पक्ष सत्ता में आने के लिए तो दूसरा पक्ष किसी को सत्ता में आने से रोकने के लिए पीएम मोदी का नाम लेता है। लेकिन, बिहार विधानसभा के चुनाव में ऐसा पहली बार हो रहा है कि मोदी अपने समर्थकों के लिए ही मुददा बन गए हैं। भाजपा कह रही है-खबरदार, कोई दूसरा इस नाम का चुनावी इस्तेमाल न करे। किया तो चुनाव आयोग के पास शिकायत करेंगे। इधर लोजपा कह रही है कि वह मोदी के नाम पर वोट मांगेगी, जिसे जहां शिकायत करनी हो, कर ले।
लोजपा कर रही जदयू प्रत्याशियों का विरोध
मोदी को अलग ढंग से चुनावी मुददा बनाने की शुरुआत लोजपा की ओर से ही हुई। लोजपा ने तय किया कि वह एनडीए में रहते दूसरे घटक दल जदयू का विरोध करेगी। उसने नारा दिया-‘ मोदी से बैर नहीं, नीतीश की खैर नहीं ।’ बाद में इसे बदला- ‘दिल्ली से बैर नहीं, नीतीश की खैर नहीं।’ जदयू पूरे प्रकरण पर चुप है। क्योंकि राज्य में वोट लेने के लिए उसके पास मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जैसा बड़ा कद है। फिर भी गठबंधन धर्म के नाते उसने अपना विरोध दर्ज किया।
जोडी नंबर वन
जदयू की ओर से नीतीश कुमार और पीएम मोदी का एक पोस्टर जारी किया गया , जिसमें दोनों को जोड़ी नंबर वन बताया गया। साथ ही बिहार के विकास को आयाम देने के लिए दोनों की जाेड़़ी को क्रेडिट दिया गया।पोस्टर में बिहार में एनडीए सरकार की पर्यावरण के क्षेत्र में किए गए कार्यो की उपलब्धियों को दिखाया गया है। नीतीश कुमार के महत्वपूर्ण योजना जल-जीवन-हरियाली की उपलब्धियों को भी रेखांकित किया गया है। अंत में स्लोगन है- नीतीश और मोदी की जोड़ी ने बिहार को दिया नया आयाम।
लोजपा का पलटवार, पीएम मोदी पूरे देश के
इधर लोजपा का कहना है कि वह केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपलब्धियों के नाम पर ही जनता से वोट मांगेगी। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद प्रिंस पासवान कहते हैं-प्रधानमंत्री पूरे देश के हैं। चुनाव प्रचार के दौरान लोजपा कार्यकर्ता लोगों को बताएंगे कि नरेंद्र मोदी के हाथों को मजबूत करने के लिए हमारे उम्मीदवार को वोट दीजिए।
एनडीए कार्यकर्ताओं में उलझन
भाजपा की चेतावनी के बावजूद लोजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम का इस्तेमाल कर रही है। उसके उम्मीदवारों के नामांकन में प्रधानमंत्री की तस्वीर लिए लोग बड़ी संख्या में मिल जाएंगे। लेकिन, भाजपा की ओर से अबतक लोजपा के खिलाफ कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई। इसमें परेशानी भी है। शिकायत दर्ज कौन कराएगा। स्थानीय स्तर पर एनडीए के कार्यकर्ताओं में अधिक उलझन नहीं है। वे लोजपा को एनडीए का ही हिस्सा मान रहे हैं। जदयू की ओर से शिकायत दर्ज कराने का सवाल नहीं उठता है।